छत्तीसगढ़

नगर निगम ने बरखा होटल सील कर अपने कब्जे में लिया

रायपुर। रायपुर नगर निगम ने आज रेलवे स्टेशन के समीप बने बरखा होटल के दो मंजिला भवन को सील कर अपने स्वामित्व में ले लिया। नगर निगम की टीम द्वारा आज होटल के कब्जाधारी गोपाल अग्रवाल को नोटिस जारी कर उक्त कार्रवाई की गई।
जोन क्रमांक 2 के अंतर्गत स्थित यह होटल सन् 1986 से किराए पर दी गई थी। कमिश्नर रजत बंसल के निर्देश पर आज सुबह अपर आयुक्त अविनाश भोई सहित निगम की टीम ने उक्त कार्यवाही की। सन् 1980 में निर्मित इस व्यावसायिक भवन को होटल व्यवसायी गोपाल अग्रवाल को किराए पर संचालन हेतु दिया गया था।
तय शर्तों के उल्लंघन पाए जाने पर सन् 2008 में भवन खाली करने का नोटिस नगर पालिक निगम द्वारा दिया, जिस पर कोर्ट ने स्थगन आदेश पारित किया था। वर्ष 2014 में न्यायालय ने सन् 2016 तक कब्जा बहाल रखने का आदेश पारित किया था।
समयावधि के उपरांत नगर निगम द्वारा कब्जाधारी को कब्जा सौंपने नोटिस जारी किया गया। तब न्यायालय के एक पक्षीय स्थगन आदेश के परिपालन में कार्यवाही स्थगित हुई थी। सुनवाई के दौरान न्यायालय ने विगत 19 दिसंबर को कब्जाधारी द्वारा कोई विधिसम्मत् कारण न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत नहीं किए जाने के कारण नगर निगम को उक्त भवन पर कब्जा प्राप्त करने के लिए स्वतंत्र कर दिया गया।
आज नगर निगम के अधिकारी कर्मचारी होटल बरखा पर कब्जा लेने हेतु सुबह पहुंचे। कब्जाधारी या उनके किसी प्रतिनिधि के उपस्थित न होने पर होटल कर्मचारी राजेंद्र सिंह और शशांक कुर्रे की उपस्थिति में कार्यवाही प्रारंभ की। होटल में ठहरे हुए आगंतुकों से कमरा खाली कराया गया और प्रत्येक कमरे में रखी गई सामग्री की सूची तैयार कर कमरे को सील किया गया। कार्यवाही के दौरान होटल के कर्मचारी भी उपस्थित रहे।
कब्जा लेते समय यह भी पाया गया कि भवन की स्थिति बहुत जर्जर है और भवन कभी भी क्षतिग्रस्त हो सकता है। सुरक्षा की दृष्टि से होटल का कमरा सील करते हुए मुख्य दरवाजा सील बंद किया गया है। कार्यवाही के दौरान जोन क्र. 2 के कमिश्नर संतोष पाण्डेय, नगर निगम के राजस्व उपायुक्त आर.के. डोंगरे, सहायक अभियंता आभास मिश्रा सहित नगर निगम की टीम व पुलिस बल मौके पर मौजूद रही।

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