छत्तीसगढ़

घोषणा पत्रः छत्तीसगढ़ वाले फार्मूले का अनुसरण लोकसभा चुनाव में किया जाएगा- ताम्रध्वज

कांग्रेस के नेताओं ने आज छत्तीसगढ़ के लोगों का मन टटोला

रायपुर। लोकसभा चुनाव के घोषणा पत्र के लिए दिल्ली से आए कांग्रेस के नेताओं ने आज छत्तीसगढ़ के लोगों का मन टटोला। राजधानी रायपुर की एक सितारा होटल में संगठनों व एनजीओ से सूझाव लेने के लिए को- आर्डिनेटर अमोल देशमुख, सुश्री बिन्दु कृष्ण, कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के सचिव के. राजु एवं छत्तीसगढ़ से घोषणा पत्र समिति के सदस्य तथा गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू मौजूद थे।

 

घोषणा पत्र पर पहले चरण की चर्चा के बाद गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि विधानसभा चुनाव के समय छत्तीसगढ़ में आम लोगों के बीच जाकर उनके सूझावों के आधार पर घोषणा पत्र तैयार करने का जो प्रयोग किया गया था सफल रहा। लोकसभा चुनाव के लिए इसी फार्मूले पर काम करने की तैयारी है। वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम की अध्यक्षता में घोषणा पत्र के लिए कमेटी बनी है।

 

इस कमेटी ने 24 ग्रुप बनाया है। ये ग्रुप अलग-अलग राज्यों में जाकर वहां के लोगों से घोषणा पत्र पर सूझाव लेंगे। यहां आज पहले चरण में स्वास्थ्य, खाद्य सूरक्षा एवं पोषण पर सूझाव लिए गए। डॉक्टरों की टीम एवं एनजीओ ने कैसा होना चाहिए घोषणा पत्र पर अपनी बात रखी। यह बात सामने आई कि दूरस्थ गांव के ज्यादातर लोग बड़े हास्पिटल नहीं पहुंच पाते। कई गांवों में कंपाउंडर डॉक्टरी कर रहे हैं।

 

उद्योगों से निकलने वाला प्रदूषित धुंआ कैसे लोगों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है। सूझाव आए कि बारहवीं पास लोगों के लिए लैब टेक्नीशियन की शिक्षा की व्यवस्था हो। इससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा और लोगों को तरह-तरह के टेस्ट कराने के लिए शहरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। छत्तीसगढ़ में डाक्टरों की कमी की बात भी सामने आई।

 

को आर्डिनेटर अमोल देशमुख ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि डॉक्टरों का पक्ष सामने आया छत्तीसगढ़ में मेडिकल कॉलेज की कमी नहीं लेकिन वहां सुविधाओं का अभाव है। मेडिकल एजुकेशन ठीक करना होगा।  इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने की जरूरत है। नर्स एवं टेक्नीशियल कैसे ग्रामीण इलाकों में पहुंचे एवं डॉक्टरी का तीन साल का कोर्स होना चाहिए या नहीं इस पर भी सूझाव आए।

 

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