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पीएम मोदी में समा गया है विपक्ष की एकता का ‘डर’, शिवसेना ने साधा निशाना

मुंबई/ नई दिल्ली। पिछले हफ्ते कोलकाता में दिखी विपक्ष की एकजुटता पर भाजपा के हमले के बाद सहयोगी दल शिवसेना और विपक्षी कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव से पहले यह देखकर घबरा गए हैं और उनमें ‘डर’ समा गया है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली और गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह सिर्फ मोदी की लोकप्रियता का डर और भाजपा की सफलताएं हैं जिसने कई अलग- अलग ताकतों को प्रधानमंत्री के खिलाफ एकसाथ कर दिया।
जेटली ने कहा कि विपक्ष की किसी तरह की गोलबंदी अव्यवहारिक और कम समय तक चलने वाला गठजोड़ होगा। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या यह मोदी बनाम अव्यवस्था होगी?’
जेटली ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि इससे (विपक्ष के एकजुट होने से) आम चुनावों में भाजपा को फायदा होने जा रहा है, क्योंकि एक आकांक्षापूर्ण समाज अल्प अवधि के राजनीतिक गठबंधन को वोट देकर ‘सामूहिक आत्महत्या’ नहीं करेगा।
वित्त मंत्री के विचारों से सहमति जताते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह भाजपा की सफलताओं का डर है जिसने विपक्षी पार्टियों को एकसाथ ला दिया है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता सिंह ने ग्रेटर नोएडा में कहा कि वे (महागठबंधन) इस बात को लेकर भयभीत हैं कि भाजपा फिर से सरकार बनाएगी।
भाजपा से नाराज चल रहे उसके सहयोगी दल शिवसेना ने कहा कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने (गुजरात में एलएंडटी के हथियार निर्माण केंद्र के मुआयने के दौरान) एक टैंक पर चढ़कर भाषण दिया था। पार्टी ने हैरानगी जताते हुए पूछा कि तो फिर 22 विपक्षी दलों के एकजुट होने से उन्हें कंपकंपी क्यों छूट रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्षी दलों के महागठबंधन को रविवार को खारिज करते हुए आरोप लगाया था कि यह ‘भ्रष्टाचार, नकारात्मकता और अस्थिरता का गठबंधन है तथा इसे उन लोगों ने बनाया है जो भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई से भयभीत हैं।
जेटली की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए तृणमूल कांग्रेस ने कहा है कि मुख्यमंत्री (पश्चिम बंगाल) ममता बनर्जी द्वारा पिछले शनिवार को बुलाई गई कोलकाता रैली ने केंद्र की भाजपा नीत सरकार की बुनियाद हिलाकर रख दी है।
तृणमूल कांग्रेस महासचिव पार्थ चटर्जी ने कोलकाता में कहा कि पिछले दो दिनों (शनिवार) से चाहे वे प्रधानमंत्री हों या अन्य केंद्रीय मंत्री, हर कोई इस रैली के बारे में बातें कर रहा है। हालांकि ममता बनर्जी केंद्र की सरकार में नहीं हैं फिर भी उन्हें लगता है कि वे इसमें हैं। यही कारण है कि बीमार रहने के बावजूद भी जेटली जी इस तरह की टिप्पणी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा को आभास हो गया है कि उसके गिनती के दिन ही शेष रह गए हैं। ऐसा लगता है कि रैली ने मोदी सरकार की बुनियाद हिला कर रख दी है।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी द्वारा कोलकाता में शनिवार को आयोजित रैली में विपक्ष की एकजुटता का जिक्र करते हुए शिवेसना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के एक संपादकीय में कहा है कि ‘मोदी इस भ्रम में नहीं रहें कि उनकी सरकार अमर है।’ शिवसेना ने कहा है कि मोदी-शाह की जोड़ी को तृणमूल कांग्रेस प्रमुख सीधी चुनौती दे रही हैं।
संपादकीय में कहा गया है कि ममता सहित रैली में शिरकत करने वाले अधिकतर नेता एक समय में अटलबिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार में भाजपा के सहयोगी रह चुके हैं और उन लोगों का मजाक उड़ाने की जरूरत नहीं है।
मोदी की सरकार देश की दुश्मन नहीं है, लेकिन उन्हें इस भ्रम में नहीं रहना चाहिए कि उनकी सरकार अमर है। बहरहाल, केंद्र और महाराष्ट्र में भाजपा की सहयोगी दल शिवसेना ने सत्ता में मौजूद पार्टी (भाजपा) की आलोचना करने के अपने अधिकार का बचाव किया।
ममता ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को रैली में आने का न्योता दिया था, लेकिन पार्टी ने कहा कि हमारी रणभेरी हम अपने ही मैदान से फूंकते रहते हैं और वह हमने सबसे पहले फूंकी है।
शिवसेना ने कहा कि ‘ममता बनर्जी के मंच पर उपस्थित सारे नेता धर्मनिरपेक्षतावादी थे। शिवसेना छद्म धर्मनिरपेक्ष नहीं है। हमारी विचारधारा ‘हिन्दुत्व’ है और राम मंदिर तथा समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर हमारा रुख दृढ़ है। कोलकाता रैली में शिवसेना का रुख हजम नहीं होता।
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने कहा है कि विपक्ष के महागठबंधन के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया टिप्पणी और उनके हाव-भाव से यह साबित हो गया है कि वह उसकी (विपक्ष की) एकजुटता से डरे हुए हैं।
पटेल ने अहमदाबाद में कहा कि ‘जैसा कि आप लोगों ने गौर किया है, प्रधानमंत्री अब अपने भाषणों में महागठबंधन के बारे में बातें कर रहे हैं। इससे जाहिर होता है कि उनके मन में किसी तरह की डर की भावना समा गई है। यहां तक कि उनके हावभाव से साबित होता है कि वे अब विपक्षी एकजुटता से भयभीत हैं।’’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सत्तारूढ़ दल के नेता दावा किया करते हैं कि वे 50 साल तक सत्ता में रहेंगे, लेकिन अब उन्हें इस बात का डर सता रहा है कि यदि 2019 का लोकसभा चुनाव वे हार गए तो फिर 200 साल तक सत्ता में नहीं लौट पाएंगे।
पटेल ने मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर निशाना साधते हुए ट्विटर पर कहा कि विपक्ष में एकजुटता आने से उनका हाव – भाव बदल गया है। वे पहले कहा करते थे कि भाजपा 50 वर्षों तक सत्ता में रहेगी। अब वे कह रहे हैं कि अगर इस बार हार गए तो अगले 200 वर्षों तक सत्ता में नहीं आ सकेंगे। पटेल ने कहा कि विपक्षी दलों का साथ आने का एक ही मकसद है कि भारत के संविधान की रक्षा की जाए।
उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने संविधान को कमजोर किया है और इसके साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश की है, वे विपक्षी एकजुटता से बहुत ज्यादा घबराए हुए हैं। डर साफ दिख रहा है।

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