छत्तीसगढ़

दिल्ली में बेची थी छत्तीसगढ़ की दो बहनें, चंगुल से छूटीं तो सामने आई यह कहानी

काम दिलाने के नाम पर झांसा देकर रामेश्वरी, कलावती, सोनिया और शैलेंद्र को दिल्ली ले गया

अंबिकापुर । सूरजपुर जिले की दो युवतियों को नौकरी दिलाने के नाम पर दिल्ली ले जाने और दिल्ली ले जाकर बेच देने के सनसनीखेज मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। बंधक बनाई गई दोनों बहनों को पुलिस ने भारत- पाक सीमा के गंगानगर से मुक्त कराया है और परिजनों को सौंप दिया गया है।
मामले में दो लोगों को गिरफ्तार करने में सफलता भी मिली है। सूरजपुर कोतवाली पुलिस ने परिजनों की शिकायत पर 3 लोगों के खिलाफ मानव तस्करी का अपराध पंजीबद्घ कर टीम बनाई थी और सूचना संकलन कर युवतियों को मुक्त कराने टीम रवाना की थी।
पुलिस ने बताया कि सूरजपुर से लगे ग्राम चंद्रपुर में किराए के मकान में रहने वाली तीन युवतियों और एक युवक को झांसा देकर दिल्ली ले जाया गया और दिल्ली में दो युवतियों को बंधक बना प्रताड़ित करने की बात सामने आई थी।
उन्होंने बताया कि प्रेमनगर के कंचनपुर ग्राम निवासी रामेश्वरी कुजुर आत्मज गोरेलाल कुजूर 20 वर्ष अपनी 2 बहनों कलावती और सोनिया के साथ चंद्रपुर में किराए का मकान लेकर रहती थी। साथ में उनका एक परिचित शैलेंद्र टोप्पो भी यहां रहता था। विगत 1 फरवरी को इनका संपर्क ग्राम पलढा प्रतापपुर निवासी रामसेवक टोप्पो से हुआ और काम दिलाने के नाम पर झांसा देकर रामेश्वरी, कलावती, सोनिया और शैलेंद्र को दिल्ली ले गया।
कुछ दिन बाद शैलेंद्र और रामेश्वरी तो वापस आ गए, लेकिन कलावती और सोनिया वापस नहीं आई। इसी बीच इनमें से एक युवती का फोन इनके परिजनों के पास आया कि उन्हें बंधक बना लिया गया है और प्रताड़ित करते हैं, वापस घर नहीं आने दे रहे हैं।
इस बात की शिकायत उन्होंने ग्राम पलढा निवासी रामसेवक से की तो रामसेवक ने इन्हें दुत्कार कर भगा दिया। थक हार कर परिजनों ने सूरजपुर कोतवाली में लिखित शिकायत की थी। जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने प्रतापपुर निवासी रामसेवक और नई दिल्ली निवासी अशोक कुमार और नान्हू के खिलाफ धारा 365, 34 के तहत अपराध पंजीबद्घ किया था।
अपराध पंजीबद्घ करने के बाद पुलिस अधीक्षक जीएस जायसवाल ने कोतवाली टीआई उमाशंकर सिंह के नेतृत्व में टीम गठित की और एसआई रश्मि सिंह के नेतृत्व में टीम को पहले दिल्ली रवाना किया गया, वहां से रामसेवक टोप्पो को हिरासत में लेकर पूछताछ की और भारत-पाक सीमा स्थित श्री गंगानगर राजस्थान में होने की जानकारी मिलने पर टीम वहां पहुंची और लोकेशन लेकर नान्हू के ठिकाने पर दबिश दी। उसकी निशानदेही पर दोनों बहनों को बरामद किया गया और सूरजपुर लाकर परिजनों को सौप दिया गया है।
पुलिस टीम में ये रहे शामिल
सूरजपुर नगर पुलिस अधीक्षक डीके सिंह ने बताया कि पुलिस अधीक्षक जी एस जायसवाल के मार्गदर्शन में दोनों बंधक बनाई गई बहनों को बरामद करने के लिए व्यापक रणनीति बनाई गई थी। इस संपूर्ण कार्रवाई में सूरजपुर टीआई उमाशंकर सिंह के नेतृत्व में उपनिरीक्षक रश्मि सिंह, सहायक उपनिरीक्षक कमल दास बनर्जी, आरक्षक लक्ष्मीनारायण मिरे, भिमेश आर्मो, साइबर सेल के युवराज सिंह और महिला आरक्षक बालकुमारी मिंज ने सक्रिय भूमिका निभाई।
आरोपितों में से एक मंडला जेल में निरुद्घ
पुलिस ने बताया कि इस मामले में रामसेवक टोप्पो पिता रघुनाथ टोप्पो उम्र 23 वर्ष निवासी प्रतापपुर और नानहु कुमार पिता चौधरी कवर उम्र 22 वर्ष निवासी सोहरपाथ नेत्रहार, लातेहार झारखंड को अपराध सबूत पाए जाने पर विधिवत गिरफ्तार किया गया है, वहीं एक आरोपी अशोक कुमार केवट पिता चरित्तर मुखिया उम्र 38 वर्ष निवासी नई दिल्ली वर्तमान में छेड़छाड़ और अपहरण के मामले में मंडला जेल में निरुद्घ है। स्थानीय न्यायालय से प्रोडक्शन वारंट प्राप्त कर उसकी गिरफ्तारी जल्दी ही की जाएगी।

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