कोरबा: रात में आई तबाही की आंधी, भुगत रहा शहर, सैकड़ों पेड़ धराशायी, बिजली बंद
रात को आई आंधी के कारण जिले में ब्लैक आउट की स्थिति है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में बिजली बंद हो गई है। इससे जनजीवन पर असर पड़ा है। निगम की कॉलोनियों में पेयजल की आपूर्ति तक नहीं हो सकी है। बिजली बंद होने से कारोबार पर भी असर पड़ा है।
रविवार शाम मौसम ने करवट ली थी। रात करीब साढ़े आठ बजे गरज चमक के साथ हल्की रुक-रुक कर बारिश हुई। देर रात लगभग १०.३० बजे दोबार बूंदाबांदी चालू हुई। पौने ११ बजे गरज चमक और आंधी के बीच तेज बारिश हुई। आंधी से शहर और उपनगरीय इलाके में कई पेड़ उखडक़र जमीन पर गिर गए। कई जगह पेड़ बिजली के तार पर भी गिरे। इससे बिजली बंद हो गई। रातभर शहर अंधेरे में डूबा रहा। ट्रांसपोर्ट नगर से एसईसीएल कोरबा एरिया की ओर जाने वाली रास्ते पर कई पेड़ गिर गए। मुड़ापार काली मंदिर, मानिकपुर, सेंट्रल स्टोर्स, कोरबा महाप्रबंधक कार्यालय, सेंट्रल स्टेडियम के आसपास भी नील गिरी, शीशम सागौन के पेड़ गिरे हुए हैं। आंधी से कुसमुंडा और बांकीमोंरगा के अलावा दर्री क्षेत्र में भी पेड़ गिरे हैं।
मकान पर भी गिरे पेड़
पेड़ गिरने से कई मकान को भी नुकसान पहुंचा है। हालांकि अभी कोई जनहानी की खबर नहीं है। नगर पुलिस अधीक्षक मयंक तिवारी ने बताया कि तूफान से कोई जनहानी की सूचना नहीं है।
८० से अधिक बिजली के खंभे टूटे, सडक़ पर बिखर गई थी स्ट्रीट लाइट, १२ लाख का नुकसान
चक्रवाती तूफान से बिजली विभाग को काफी नुकसान हुआ है। शहरी क्षेत्र में ३० से ४० बिजली खंभे गिर गए हैं। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र में भी ४० से अधिक खंभे के गिरने की सूचना बिजली कंपनी को मिली है। तूफान से बिजली के खंभे पर लगी कई स्ट्रीट लाइटें टूटकर सडक़ पर बिखर गई थी। बिजली के तार भी कई जगह टूटे हुए हैं। इससे कंपनी को १० से १२ लाख रुपए तक का नुकसान हुआ है। वितरण कंपनी के लोग ६० से ७० की संख्या में गिरे हुए खंभों को खड़ाकर व तार को जोडक़र बिजली बहाली की कोशिश कर रही है।
कोरबा सहित उत्तरी छत्तीसगढ़ में बारिश फिर से तूफान की आशंका
इधर, मौसम विभाग ने कोरबा, जांजगीर चांपा और बिलासपुर सहित उत्तरी छत्तीसगढ़ में तेज हवाएं चलने की आशंका व्यक्त की है। विभाग का कहना है कि उत्तरी छत्तसगढ़ में कम दबाव क्षेत्र बना हुआ है। इससे गरज चमक के साथ बारिश हो सकती है।