सर्व समाज छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में 9 मार्च को धरना प्रदर्शन और रैली करेगी
रायपुर । छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज ने आज प्रेस वार्ता कर स्पष्ट किया की सुप्रीम कोर्ट के 13 फरवरी के निर्णय से लगभग 20 लाख आदिवासियों पर संकट के बादल मंडरा रहा है।
समाज के प्रतिनिधियों ने कहा की सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बनवासी जिनमें ना केवल आदिवासी बल्कि अनु जनजाति के लोग भी सदियों से बसे हुए हैं और उनके वनाधिकार का भी निरस्त कर देंगे उन्हें वन भूमि से बेदखल करने 27 जुलाई तक राज्य सरकारों से रिपोर्ट मांगी गई थी लेकिन केंद्र शासन ने से गंभीरता से नहीं लिया और समुचित पैरवी ना होने के कारण एक तरफा आदेश जारी कर दिया इस आदेश से छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जनजाति व अन्य परंपरागत वन निवासी नियमों की धज्जियां उड़ गई हालांकि संविधान में पांचवी और छठी अनुसूची क्षेत्र में आदिवासियों के अधिकार संरक्षित हैं किंतु सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सर्वाधिक प्रभाव उन्हीं क्षेत्रों के निवासियों पर पड़ेगा।वाइल्ड लाइफ से जुड़े संगठनों द्वारा वन्य जीव संरक्षण के लिए आदिवासियों के अधिकार से जुड़े वन अधिकार मान्यता नियम की वैधता को चुनौती दिया गया था सुप्रीम कोर्ट के जंगल में लोगों को बेदखल करने का आदेश देदिया।
उपरोक्त आदेश दलित आदिवासी समाज एवं सर्व समाज छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में 9 मार्च 2019 को धरना प्रदर्शन और रैली करेगा इसके साथ ही राजधानी रायपुर में हाईवे भी जाम किया जाएगा और रेल रोको आंदोलन भी किया जाएगा।