छत्तीसगढ़

जमीन की दरों की गाइडलाईन यथावत रखने का आदेश

रायपुर। वित्तीय वर्ष के अंतिम दिनों में इस बार जमीन-जायदाद के पंजीयन में लोगों की ज्यादा रूझान नहीं है। पिछले वर्षों के मुकाबले इस साल जमीन का पंजीयन कराने दो सौ पचास लोगों ने अपने कागजात पंजीयन कार्यालय में जमा किए। चुनाव आचार संहिता के चलते जमीन पंजीयन के दरों में परिवर्तन नहीं होने के कारण लोगों ने राहत की सांस ली है।
वीएस नायक, जिला पंजीयक, रायपुर ने बताया कि मार्च माह के बाद नए वित्तीय वर्ष से हर साल शहर में जमीन की दरों में परिवर्तन होता था। अधिकांश क्षेत्रों में शासकीय दरों में काफी वृद्धि को देखते हुए लोग पुराने दर पर ही पंजीयन कराने टूट पड़ते थे। इस बार राज्य शासन चुनाव को देखते हुए 2018-19 के जमीन की दरों के गाइड लाईन को ही यथावत रखने का निर्णय लिया है। राजस्व विभाग ने सभी जिला कलेक्टरों को इस आशय का आदेश जारी कर दिया है। आदेश में साफ कहा गया है कि पुराने दरों को ही यथावत रखा जाएगा। आदेश में कहा गया है कि चुनाव आचार संहिता को देखते हुए राज्य शासन ने फिलहाल इसमें वृद्धि नहीं करने का निर्णय लिया है। वर्तमान गाइडलाईन को ही लागू करने केंद्रीय बोर्ड ने निर्णय लिया है।
पंजीयन कार्यालय में पहुंचे लोगों ने रूटीन का पंजीयन कार्य कराने की बात कही है। दोपहर तक यहां पर जमीन का कागजात लेकर पहुंचने वालों की संख्या अन्य दिनों की तरह ही थी। आज पहुंचे लोगों के दस्तावेजों को देखकर जिला पंजीयक ने बताया कि पिछले साल अंतिम दिनों में लगभग पांच सौ से अधिक लोग पंजीयन के लिए पहुंचते थे। रविवार होने के बाद भी वित्तीय वर्ष का अंतिम दिन होने के कारण कार्यालय खुला रखा गया था। अंतिम दिन बड़े सौदे और स्टाम्प लेकर अपनी पंजीयन को सुरक्षित कराने के बड़े काम भी होते थे, पर इस बार ऐसा देखने में नहीं आया। बताया जाता है कि शनिवार को भी देर शाम तक भी ऐसा ही माहौल देखने को मिला। इस दिन यहां पर तीन सौ के आसपास दस्तावेज जमा हुए थे। पूरे जिले में पंजीयन की स्थिति देखा जाए तो वह 250 से तक ही होगी।
जीएसटी की दरों में कमी का असर
पंजीयन में ज्यादा रुचि नहीं लेने के संबंध में बताया जाता है कि 1 अप्रैल से मकान बनाने में लगने वाली जीएसटी की दर में कमी हो रही है। बिल्डरों के द्वारा मकान बनाने को लेकर वर्तमान में 12 प्रतिशत जीएसटी जोड़ा जा रहा है। 1 अप्रैल से यह दर घटकर 5 प्रतिशत हो जाएगा। इससे मकान खरीदने वालों को सात प्रतिशत का लाभ होगा। इसके चलते भी कई लोग 31 मार्च को अपने मकान का पंजीयन कराने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं।

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