राज्य शासन के मान्यता प्राप्त संस्थाओं के लिए भी खाद्यान्न आबंटन की मांग
5 हजार टन चावल का आबंटन जारी किया जाए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केन्द्रीय खाद्यमंत्री रामविलास पासवान को पत्र लिख
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को केन्द्रीय खाद्यमंत्री रामविलास पासवान को पत्र लिखकर राज्य शासन के अनुदान लेने वाले और मान्यता प्राप्त संस्थाओं के लिए भी खाद्यान्न आबंटन की मांग की है। उन्होंने आग्रह किया कि राज्य के लिए हर माह करीब 5 हजार टन चावल का आबंटन जारी किया जाए। केन्द्र ने एक अप्रैल से संस्थाओं के लिए चावल के आबंटन पर रोक लगा दी है।
श्री बघेल ने अपने पत्र में बताया कि केन्द्र की सरकार ने राज्य सरकार से अनुदान और मान्यता प्राप्त 471 संस्थाओं के साढ़े 43 हजार से अधिक अनुसूचित जाति-जनजाति और पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों, वृद्ध निराश्रितों, निशक्तजन, कुष्ट रोगियों, अनाथ और वंचित तबके के लोगों के लिए एक अप्रैल से रियायती दर पर 655 टन चावल का आबंटन बंद हो गया है।
उन्होंने कहा कि इसमें समाज के जरूरतमंद व्यक्तियों के लिए रियायती दर पर संचालित 128 दाल-भात केन्द्र का मासिक आबंटन भी शामिल है। श्री बघेल ने कहा कि वर्तमान में राज्य के सभी 3 हजार 935 शासकीय, शासन द्वारा अनुदान-मान्यता प्राप्त छात्रावास या आश्रमों में निवासरत 2 लाख 96 हजार 507 छात्रों और 311 कल्याणकारी संस्था के 33 हजार 523 हितग्राहियों के लिए 15 किलो प्रतिमाह की पात्रता मानदण्ड के अनुसार राज्य को प्रतिमाह 4 हजार 950 टन चावल के आबंटन की जरूरत है। उन्होंने कहा कि शासकीय अनुदान या मान्यता प्राप्त 471 छात्रावासों और कल्याणकारी संस्थाओं के 43 हजार 640 लाभार्थियों के लिए प्रतिमाह 655 टन चावल की जरूरत है, जिसे वित्तीय वर्ष 2019-20 से निरंतर जारी रखा जाए।
श्री बघेल ने कहा कि सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के छात्रों और सामाजिक रूप से वंचित वर्ग के हितों को ध्यान में रखकर इस योजना के अंतर्गत शासकीय छात्रावास और कल्याणकारी संस्था के अतिरिक्त राज्य शासन से अनुदान और मान्यता प्राप्त छात्रावासों व कल्याणकारी संस्थाओं को भी खाद्यान्न के आबंटन के लिए पात्र मान्य किया जाकर इस योजना के अंतर्गत प्रतिमाह 4 हजार 950 टन चावल का आबंटन जारी किया जाए।