छत्तीसगढ़

अंतागढ़ ऑडियो-वीडियो सही नहीं? पुलिस अब ओरिजनल के लिए फिरोज पर दबाव बनाएगी

रायपुर। अंतगढ़ टेपकांड में पुलिस को अभी तक ओरिजनल ऑडियो-वीडियो नहीं मिले हैं। अभी तक जो ऑडियो-वीडियो मिले हैं वह सही नहीं है। चंडीगढ़ फोरेंसिक लैब ने सभी ऑडियो-वीडियो की जांच की, पर रिपोर्ट नहीं दी। पुलिस का कहना है कि जब तक ओरिजनल ऑडियो-वीडियो उनके पास नहीं जाएगी, उन्हें उसकी रिपोर्ट नहीं मिलेगी। ऐसे में पुलिस फिर से मुख्य गवाह फिरोज सिद्दिकी पर दवाब बनाएगी और जरूरत पडऩे पर उसके घर तक दबिश देगी।
कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने के बाद अंतागढ़ टेपकांड की एसआईटी जांच शुरू करा दी है। रायपुर एसपी के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम मामले की जांच में लगी है। लगातार पूछताछ और जांच के बाद पुलिस को टेपकांड से जुड़े 2 पेन ड्राइव और 4 सीडी व ऑडियो-वीडियो मिले थे, जिसे जांच के लिए चंडीगढ़ फोरेंसिक लैब भेजा गया है। पुलिस सूत्रों द्वारा बताया गया कि लैब में ऑडियो-वीडियो की जांच पूरी हो चुकी है, पर उसकी रिपोर्ट नहीं दी जा रही है। वहां यह ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग सही नहीं मानी जा रही है। पुलिस का कहना है कि रिकॉर्डिंग सही होने पर उसकी रिपोर्ट अब तक पुलिस को मिल जाती।
एसपी आरिफ शेख का कहना है कि अंतागढ़ टेपकांड की जांच लगातार चल रही है। जांच में जो पेन ड्राइव, सीडी, आडियो-वीडियो मिले हैं, उसकी चंडीगढ़ में जांच की जा रही है। एसपी ने कहा- हमें वहां से आने वाली जांच रिपोर्ट का इंतजार है, लेकिन यह रिपोर्ट हमें नहीं मिली है। उसे कॉपी पेस्ट भी नहीं कहा जा सकता, पर वहां से ओरिजनल इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस मांगी जा रही है। ऐसे में पुलिस अब ओरिजनल डिवाइस के लिए मुख्य गवाह फिरोज सिद्दिकी पर दवाब बनाएगी। इसके बाद भी यह डिवाइस नहीं मिलने या छिपाने की कोशिश करने पर उसके घर पर दबिश देकर जांच की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि टेपकांड में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, उनके बेटे अमित जोगी, पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह के दामाद डॉ. पुनीत गुप्ता, राजेश मूणत व पूर्व विधायक मंतूराम पवार पर पंडरी पुलिस में धोखाधड़ी, पैसों का प्रलोभन और भ्रष्टाचार का मामला दर्ज है। यह एफआईआर वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री डॉ. किरणमयी नायक ने दर्ज कराई है।
पुलिस आज भी पिछली सरकार के लिए वफादार, सिर्फ गवाहों को परेशान कर रही-फिरोज
फिरोज सिद्दिकी का कहना है कि इसी रिकॉर्डिंग की 2015 में भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव ने फोरेंसिक लैब से जांच करवाई थी, और उसमें रिकॉडिंग को सही बताया गया था, बिना छेड़छाड़ का बताया गया था। अब कैसे वही रिकॉर्डिंग कट-पेस्ट कही जा रही है? फिरोज ने कहा कि 2015 में इसी ऑडियो टेप की कांगे्रस पार्टी ने फोरेंसिक जांच करवाई थी जिसका सर्टिफिकेट हाईकोर्ट में भी लगाया गया था।
उन्होंने कहा कि पुलिस अंतागढ़ (प्रत्याशी खरीद-बिक्री) के मुजरिमो को बचाने की कोशिश कर रही है क्योंकि पुलिस आज भी पिछली सरकार के लिए वफादार बनी हुई है। उन्होंने कहा कि अगर उनके घर पर छापा मारकर पुलिस कुछ जब्त करना चाहती है, तो उसका मकसद ऐसी दूसरी उन रिकॉर्डिंग्स को नष्ट करना हो सकता है जिसमें दूसरे मंत्रियों और दूसरे अफसरों के फंसने की बात लोग करते हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस मेरे जैसे गवाहों को परेशान कर रही है जबकि मैंने धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज करवाने की बात कही है, जो कि आज तक पुलिस नहीं करवा रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस आरोपियों से आज तक पूछताछ भी नहीं कर पाई है, न अजीत जोगी से बयान लिया गया है, न अमित जोगी से, और न ही डॉ. पुनीत गुप्ता से।
उन्होंने कहा कि वे पुलिस को पहले ही बतला चुके हैं कि जिस मोबाइल हैंडसेट पर उन्होंने स्टिंग ऑपरेशन किया था, वह हैंडसेट अब उपलब्ध नहीं है क्योंकि वह 2015 के पहले का पुरानी टेक्नॉलॉजी का था, और बाद में वे अपना फोन बदल चुके हैं। उन्होंने कहा कि उनके घर छापा मारने की बात अगर पुलिस सोच रही है तो वह दूसरों की संभावित रिकॉर्डिंग को नष्ट करने के लिए हो सकता है, या उनको कब्जे में करने के लिए हो सकता है। उन्होंने कहा कि अंतागढ़ टेपकांड में वे तो शिकायतकर्ता भी नहीं हैं, वे सिर्फ गवाह हैं और उनके यहां छापा डालने की बात हो रही है।
फिरोज ने हैरानी जाहिर की है कि नामी-गिरामी आरोपियों से एक बार भी बयान नहीं लिया गया है। शराब माफिया और बिल्डर से कोई पूछताछ नहीं की गई है, जबकि उन्होंने स्पष्ट शब्दों में अपने बयान में बता दिया था कि इसमें किन-किन की भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि आरोपियों के घर की तलाशी लेने के बजाय गवाह के घर की तलाशी लेने की बात कहना आश्चर्यजनक लगता है। उन्होंने कहा कि मेरा स्पष्ट शब्दों में कहना है कि पुलिस अगर इस तरह से बयान देगी तो मैं जांच एजेंसी को कोई सहयोग नहीं करूंगा।

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