अंतागढ़ के 6 और प्रत्याशियों का नाम वापस लेने प्रलोभन-दबाव डालने आरोप
मंतूराम ने कहा-एक-एक करोड़ का लालच देकर 50 हजार थमाया
रायपुर। अंतागढ़ उपचुनाव को लेकर मंतूराम पवार ने नया धमाका किया है। इस उपचुनाव में मंतूराम के साथ नाम वापस लेने वाले विभिन्न दलों के 6 प्रत्याशियों के साथ रायपुर में प्रेस कांफ्रेंस कर मंतूराम ने आरोप लगाया कि उनके साथ इन सभी प्रत्याशियों को प्रलोभन और धमकी देकर नाम वापस कराया गया। मंतूराम ने कहा कि इन सभी 6 प्रत्याशियों को 1-1 करोड़ रुपए दिए जाने की बात कही गई थी पर इन्हें 40-50 हजार से अधिक नहीं मिला। मंतूराम ने पूछा-बचे पैसे किसने खाए? इस कांफ्रेंस में मंतूराम ने सीधे रमन सिंह सहित जोगी पिता-पुत्र, राजेश मूणत, अमन सिंह, ओपी गुप्ता, पुनीत गुप्ता को निशाने पर लिया। उसने पूरे घटनाक्रम में फिरोज सिद्दिकी का भी विशेष रूप से उल्लेख किया।
आज मंतूराम के साथ उपस्थित हुए इन 6 प्रत्याशियों में भीम सिंह उसेंडी, महादेव मंडावी, शंकरलाल नेताम, देवनाथ, भोजराज नाग, वीरेंद्र नेताम थे। मंतूराम ने कहा कि इन सभी का न्यायालय में 164 का कथन हो चुका है। कल धमतरी में इन्होंने रमन सिंह, अमन सिंह, ओपी गुप्ता के नाम से एफआईआर करवाया गया है। मंतूराम ने कहा कि इन सभी को 1-1 करोड़ देने की बात कही गई थी पर किसी को 40-50 हजार से अधिक नहीं मिला है। इस मामले की एसआईटी या कोर्ट के माध्यम से जांच हो।
पवार ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह से नवंबर 2015 की 3 तारीख को दिल्ली में मुलाकात हुई थी। फिरोज सिद्दिकी ने उन्हें रमन सिंह से मिलवाया था। यहां उनके दामाद डॉ.पुनीत गुप्ता भी थे। उन्होंने उनका परिचय कराते हुए मुझसे यह पूछा था कि सब ठीक तो है। इस संबंध में कुछ न कहने पर उन्होंने कहा कि पूर्व मंत्री राजेश मूणत के साथ मिलने पर सबकुछ ठीक हो जाएगा।
मंतूराम को जोगी ने बेचा और रमन ने खरीदा
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि मंतूराम को पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने बेचा था और रमन सिंह ने खरीदा था। सात करोड़ कौन देगा, यह पता नहीं चला। पैसा मैंने नहीं लिए। इस पूरे मामले में पैसा लेने वाला कोई और व देने वाला कोई और रहा होगा। यहां तक कि खाने वाला कौन है यह भी पता नहीं, लेकिन यह जरूर है कि इस मामले में मुझे बदनाम किया जा रहा है। मैं कोर्ट में अपना वाईस रिकॉर्ड देने तैयार हूं। उन्होंने सवाल किया कि यह वाईस रिकॉर्ड अजीत जोगी, अमित जोगी, डॉ. पुनीत गुप्ता क्यों नहीं दे रहे हैं।
जोगी, कांग्रेस में रहते तो 2018 में भी भाजपा सरकार बनती
मंतूराम ने पूर्व मुख्यमंत्री पर हमला बोलते हुए कहा कि 2003, 2008 व 2013 में अजीत जोगी के साथ मिलकर सरकार बनाई। अजीत जोगी 2018 के चुनाव में भी कांग्रेस में रहते, तो उस समय भी यहां भाजपा की सरकार बनती। उन्होंने कहा कि अंतागढ़ उपचुनाव के समय उन्हें लालच देकर फंसाया गया। फिर जान से मारने की धमकी दी गई। मैंने परिवार के बारे में सोचते हुए दबाव में आकर अपना नाम वापस ले लिया। अब मुझे और मेरे साथ चुनाव लडऩे वाले 6 निर्दलीय प्रत्याशियों की जान को खतरा बना हुआ है, इसलिए इन सभी मामलों का खुलासा कर रहे हैं।
भाजपा प्रवेश किया, पर मिला अपमान
उन्होंने कहा कि रमन सिंह के निर्देश पर मैंने बाजे-गाजे के साथ भाजपा प्रवेश किया, लेकिन वहां मेरा अपमान हुआ, मुझे न विधानसभा टिकट मिली, न लोकसभा की टिकट दी गई। यहां तक कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विक्रम उसेंडी को बना दिया गया। इस पूरे खेल में मुझे सिर्फ मोहरा बनाया गया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि उपचुनाव में मुझे अजीत जोगी ने बेचा, और रमन सिंह ने खरीदा। उन्होंने कहा कि मैं एक जनसेवक हूं और पैसों का भूखा नहीं हूं। हमें सिर्फ मान-सम्मान मिलना चाहिए।
सात करोड़ मिलता तो जनता में बांट देता
मंतूराम ने कहा कि यह लड़ाई विचारधारा की लड़ाई है। हम सभी आमने-सामने की लड़ाई चाहते हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उन्हें भाजपा से 7 करोड़ रूपए मिलता, तो उसे मैं आम जनता को बांट देता। अब मैं न सरकार के दबाव हूं न भाजपा के दबाव में। मैं एक आम आदमी की हैसियत से बोल रहा हूं कि हम सभी के साथ खरीदी-बिक्री हुई है। बाकी पैसा किसने खाया, यह जांच का विषय है।