CG NEWS | शीतकालीन सत्र से पहले शिक्षा विभाग सख्त, अधिकारियों को अल्टीमेटम

रायपुर, 23 नवंबर 2025। आगामी विधानसभा के शीतकालीन सत्र (18 नवंबर से 17 दिसंबर 2025) को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ लोक शिक्षण संचालनालय ने प्रदेश के सभी संयुक्त संचालकों और जिला शिक्षा अधिकारियों को विस्तृत दिशा–निर्देश जारी किए हैं। विभाग ने स्पष्ट किया है कि सत्र के दौरान विधानसभा से मिलने वाले किसी भी प्रश्न के उत्तर समय पर शासन को भेजना अनिवार्य होगा। इसमें देरी होने पर संबंधित अधिकारियों पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
सत्र से पहले ही पूरी तैयारी के निर्देश
संचालनालय ने सभी जिलों से कहा है कि पिछले सत्रों में लंबित पड़े प्रश्न, आश्वासन, ध्यानाकर्षण और शून्यकाल से जुड़े सभी बिंदुओं की पूरी जानकारी तुरंत तैयार कर भेजें। अधीनस्थ संस्थाओं को भी अलर्ट मोड पर रहने को कहा गया है।
किन बिंदुओं पर रखनी होगी खास नजर
1. संभावित प्रश्नों का अनुमान
जिला अधिकारियों को निर्देश है कि अपने जिलों से जुड़े संभावित प्रश्नों का आकलन कर पूरा डाटा और रिकॉर्ड पहले से तैयार रखें।
2. मंत्री की समीक्षा के लिए तैयार रहें
किसी भी समय मंत्री द्वारा समीक्षा बैठक बुलाई जा सकती है। इसलिए सभी प्रश्नों का पूरा रिकॉर्ड कार्यालय में उपलब्ध रहे और एक जिम्मेदार अधिकारी उपस्थित होना जरूरी है।
3. पूर्व सत्रों के उत्तरों का मिलान अनिवार्य
नए उत्तर तैयार करते समय यह सुनिश्चित करना होगा कि वे पूर्व सत्रों में भेजे गए उत्तरों से मेल खाते हों।
4. प्रश्न प्राप्त होते ही तत्काल प्रक्रिया
अधिकारियों को प्रतिदिन ईमेल और फोन चेक करना होगा ताकि कोई प्रश्न छूट न जाए।
उत्तर पर संयुक्त संचालक या जिला शिक्षा अधिकारी स्वयं हस्ताक्षर करेंगे।
विधानसभा कक्ष के सहायक संचालक लव कुमार साहू (8109255994) से सतत संपर्क रखना अनिवार्य है।
6 दिन पहले उत्तर भेजना क्यों जरूरी?
संचालनालय के अनुसार –
शासन उत्तर का अंतिम प्रारूप 3 दिनों में तैयार करता है।
मंत्री की मंजूरी के बाद उत्तर सचिवालय भेजा जाता है।
यदि सचिवालय त्रुटि सुधार के लिए कहता है, तो उसी दिन सुधार कर दोबारा भेजना पड़ता है।
ऐसे में किसी भी देरी से पूरी प्रक्रिया प्रभावित होती है। इसलिए 6 दिन पहले उत्तर भेजना अनिवार्य किया गया है।
संचालनालय ने अधिकारियों को चेतावनी दी है कि विधानसभा सत्र अत्यंत संवेदनशील समय होता है और जानकारी भेजने में लापरवाही या देरी होने पर कार्रवाई निश्चित है।



