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जगरगुंडा में 22 साल में पहली बार लगा मेला, कही जाती थी नक्सलियों की उपराजधानी

नक्सलियों की उप राजधानी के नाम से चर्चित जगरगुंडा में छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद पहली बार मेला भरा है। करीब 22 सालों के बाद जगरगुंडा में मेले की रौनक देखने को मिल रही है। अच्छी बात यह है कि इस बार बेखौफ होकर अलग-अलग जिलों के व्यापारी मेले में अपनी दुकान लगाने के लिए पहुंचे हैं। पहली बार यहां झूले भी लगाए गए हैं। इलाके के ग्रामीण मेले का जमकर आनंद उठा रहे हैं। लगभग 4 दिनों तक चलने वाले मेला का आज आखिरी दिन है। लंबे अरसे के बाद इस गांव के ग्रामीणों के चेहरों में खुशी लौटी है।

दरअसल, बस्तर संभाग के सुकमा और दंतेवाड़ा जिले की सीमा में जगरगुंडा गांव स्थित है। छत्तीसगढ़ राज्य गठन से पहले हर 3-4 साल में यहां परंपरा अनुसार एक बार मेला भरता था। साल 2000 से नक्सलियों ने इस गांव में दस्तक दी और 2003-4 तक पूरे गांव को अपने कब्जे में ले लिया था। यहां मेला लगना तो दूर एक दुकान लगाने के लिए भी नक्सलियों की इजाजत लेनी पड़ती थी।इसी बीच सलवा जुडूम के दौर में कई ग्रामीणों को अपना घर छोड़ना पड़ा था। पिछले 22 सालों से यह गांव अपना अस्तित्व खो चुका था। इस साल एक बार फिर से रौनक लौट आई।

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