Encounter Specialist Laxman Kewat Story: 83 नक्सलियों को मारने वाले एनकाउंटर स्पेशलिस्ट का अनोखा अंदाज़, बाइक पर लिखा – “अब तक 83+”
Encounter Specialist Laxman Kewat Story: नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अपने साहस और सफलता के लिए पहचान बना चुके पखांजूर...
03, June, 2025 | कांकेर (छत्तीसगढ़)। Encounter Specialist Laxman Kewat Story: नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अपने साहस और सफलता के लिए पहचान बना चुके पखांजूर थाना प्रभारी लक्ष्मण केवट एक बार फिर सुर्खियों में हैं। वजह है उनकी बाइक पर लिखा हुआ एक खास संदेश – “अब तक 83+”। यह आंकड़ा कोई साधारण संख्या नहीं, बल्कि उनके द्वारा अब तक मारे गए नक्सलियों की गिनती है। लक्ष्मण केवट नक्सलियों के बीच एक ऐसा नाम बन चुके हैं, जिससे वे कांपते हैं।
एनकाउंटर स्पेशलिस्ट की अपनी ही पहचान
थाना प्रभारी लक्ष्मण केवट को छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग में एक एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के तौर पर जाना जाता है। नक्सल इलाकों में ऑपरेशन के दौरान उन्होंने लगातार सफलता हासिल की है। अब तक 83 से अधिक नक्सलियों को मौत के घाट उतार चुके केवट ने हाल ही में अपनी बाइक पर “अब तक 83+” लिखवाकर अपनी बहादुरी का यह प्रतीक खुले तौर पर सामने रखा है।
ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट और कगार में बड़ी कामयाबी
हाल ही में छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में नक्सलियों के खिलाफ शुरू किए गए ऑपरेशन कगार और ब्लैक फॉरेस्ट में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है। दर्जनों नक्सली मारे गए, कई आत्मसमर्पण कर चुके हैं। इन ऑपरेशनों के बीच पखांजूर थाना प्रभारी लक्ष्मण केवट की यह अनोखी पहल, उनके हौसले और गर्व का प्रतीक बन गई है।
12 साल की नौकरी, 6 बार राष्ट्रपति वीरता सम्मान
लक्ष्मण केवट की कहानी सिर्फ एनकाउंटर तक ही सीमित नहीं है। वर्ष 2012 में आरक्षक पद से नौकरी शुरू करने वाले केवट की पहली पोस्टिंग भी नक्सल प्रभावित क्षेत्र में ही हुई थी। शुरुआती वर्षों में ही उन्होंने कई बड़े ऑपरेशन में भाग लिया और नक्सलियों के खिलाफ सीधा मोर्चा संभाला। 12 साल की सेवा के दौरान उन्होंने 6 बार राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार प्राप्त किया है, जो उनकी बहादुरी और समर्पण का बड़ा प्रमाण है।
लोगों के बीच बनी चर्चा का विषय
थाना प्रभारी केवट का यह अनोखा अंदाज अब सोशल मीडिया और स्थानीय चर्चाओं का विषय बना हुआ है। उनकी बाइक पर लिखा हुआ “83+” जहां एक ओर उनकी उपलब्धि को दर्शाता है, वहीं दूसरी ओर यह नक्सलियों के लिए भी एक चेतावनी है कि वे किससे टकरा रहे हैं।
नक्सल ऑपरेशन में केवट की रणनीति
बताया जाता है कि केवट न केवल मुठभेड़ में आगे रहते हैं, बल्कि उनकी रणनीतिक सोच और प्लानिंग की भी पुलिस महकमे में खूब तारीफ होती है। वे अक्सर टीम के साथ खुद मोर्चे पर जाते हैं और नक्सली गतिविधियों की निगरानी करते हैं।
लक्ष्मण केवट की यह कहानी उन जवानों की हिम्मत और जज़्बे को दर्शाती है जो नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात होकर अपनी जान की परवाह किए बिना देश और समाज की सुरक्षा में लगे हुए हैं। उनकी बाइक पर लिखा हुआ “अब तक 83+” महज़ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ पुलिस की नक्सलियों पर होती लगातार विजय का प्रतीक है।



