छत्तीसगढ़

CG Yuktiyuktkaran BEO Suspend: युक्तियुक्तकरण में गड़बड़ी पर बड़ा एक्शन, सूरजपुर में BEO पंडित भारद्वाज निलंबित

CG Yuktiyuktkaran BEO Suspend: छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में लापरवाही बरतने के मामले में प्रशासन ने कड़ा...

CG Yuktiyuktkaran BEO Suspend: छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में लापरवाही बरतने के मामले में प्रशासन ने कड़ा कदम उठाया है। रामानुजनगर ब्लॉक के विकासखंड शिक्षा अधिकारी (BEO) पंडित भारद्वाज को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई सरगुजा संभाग के आयुक्त नरेंद्र कुमार दुग्गा के निर्देश पर की गई है।

स्कूलों की गलत जानकारी देकर की गई कुटरचना

जारी निलंबन आदेश के अनुसार, बीईओ भारद्वाज पर स्कूलों की वास्तविक स्थिति को गलत तरीके से दर्शाकर युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में कुटरचना करने का आरोप है। जांच में सामने आया कि शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भुवनेश्वरपुर में अंग्रेजी विषय के दो पदों को रिक्त बताया गया, जबकि वहां पहले से ही चार व्याख्याता कार्यरत थे। इसके आधार पर दो अतिरिक्त व्याख्याताओं की अनुचित तरीके से पदस्थापना की गई, जिससे शैक्षणिक संतुलन बिगड़ गया।

अन्य स्कूलों में भी मिली गड़बड़ियां

जांच में यह भी पाया गया कि प्राथमिक शाला सरईपारा (जगतपुर) और प्राथमिक शाला देवनगर में छात्र संख्या की तुलना में अधिक शिक्षकों के पद दर्शाए गए। इस वजह से वहां जरूरत से ज्यादा शिक्षकों की नियुक्ति कर दी गई, जो शिक्षा विभाग की युक्तियुक्तकरण नीति के खिलाफ है।

इसी तरह, हाई स्कूल सुमेरपुर में कला संकाय के व्याख्याता राजेश कुमार जायसवाल को गलत तरीके से विज्ञान विषय का बताया गया, जिससे वहां एक अतिरिक्त विज्ञान शिक्षक की तैनाती कराई गई। ये सभी गड़बड़ियां बीईओ की लापरवाही और पक्षपातपूर्ण रवैये को दर्शाती हैं।

निलंबन अवधि में मिलेगा जीवन निर्वाह भत्ता

प्रशासन ने बीईओ भारद्वाज को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा। साथ ही, इस दौरान उनका कार्यस्थल जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय, बलरामपुर-रामानुजगंज निर्धारित किया गया है।

प्रशासन ने दिखाई सख्ती

सरगुजा आयुक्त की इस सख्त कार्रवाई को शिक्षा विभाग में पारदर्शिता और अनुशासन लाने की दिशा में एक मजबूत कदम माना जा रहा है। प्रशासन का कहना है कि युक्तियुक्तकरण जैसी गंभीर प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

यह मामला शिक्षा विभाग के कामकाज की गंभीरता और जवाबदेही को उजागर करता है। उम्मीद की जा रही है कि इस कार्रवाई के बाद अन्य अधिकारियों में भी चेतावनी का संदेश जाएगा और भविष्य में युक्तियुक्तकरण जैसी महत्वपूर्ण प्रक्रिया को जिम्मेदारी के साथ अंजाम दिया जाएगा।

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