बस्तर में जंगल कटाई पर बोले केंद्रीय मंत्री आठवले – “अगर कर रहा कोई कटाई, तो करनी पड़ेगी पिटाई”
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास आठवले अपने खास अंदाज में एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं। बस्तर क्षेत्र में जंगलों की अवैध...

रायपुर। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास आठवले अपने खास अंदाज में एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं। बस्तर क्षेत्र में जंगलों की अवैध कटाई को लेकर उन्होंने तुकबंदी करते हुए कहा –
“अगर कोई कर रहा जंगल की कटाई, तो करनी पड़ेगी उसकी पिटाई…”
आठवले ने साफ तौर पर कहा कि बस्तर में जंगलों की अवैध कटाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने इस मामले को लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से चर्चा करने की बात भी कही और कहा कि राज्य सरकार को इस दिशा में सख्त कदम उठाने चाहिए।
संत कबीर सत्संग में हुए शामिल
रामदास आठवले रायपुर प्रवास के दौरान संत कबीर सत्संग कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि कबीर के विचार आज भी सामाजिक एकता और न्याय के लिए प्रासंगिक हैं। कार्यक्रम के बाद उन्होंने राज्य अतिथि गृह ‘पहुना’ में मीडिया से बातचीत की।
प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण की मांग
मीडिया से चर्चा करते हुए आठवले ने कहा कि जब सरकारी संस्थान लगातार प्राइवेटाइज हो रहे हैं, तब प्राइवेट सेक्टर में भी आरक्षण लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सामाजिक न्याय केवल सरकारी नौकरी तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि हर क्षेत्र में समान अवसर देने की दिशा में प्रयास होना चाहिए।
राहुल गांधी पर हमला
राजनीतिक सवालों पर प्रतिक्रिया देते हुए रामदास आठवले ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा –
“राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनने का सपना देख सकते हैं, लेकिन यह सपना कभी पूरा नहीं होगा। वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जितना भी हमला करें, फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि मोदी की बॉडी बहुत मजबूत है।”
आठवले ने यह भी कहा कि देश की जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भरोसा करती है और विपक्ष के हमले अब असर नहीं करते।
मंत्रालय की योजनाओं की करेंगे समीक्षा
अपने रायपुर दौरे के दौरान आठवले सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करेंगे। इसके लिए वे राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात करेंगे और केंद्र सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति का जायजा लेंगे।
कुल मिलाकर केंद्रीय मंत्री आठवले ने एक बार फिर अपने चुटीले अंदाज में गंभीर मुद्दों पर ध्यान खींचने की कोशिश की है — चाहे वह बस्तर के जंगलों की कटाई हो या फिर सामाजिक आरक्षण की मांग।



