मैनपाट में ओलावृष्टि, अंबिकापुर में रुक-रुक कर बारिश, फसलों को नुकसान

अम्बिकापुर, 27 फरवरी। पश्चिमी विक्षोभ के लगातार सक्रिय होने व पूर्वी बांग्लादेश में चक्रवाती घेरा बनने से बंगाल की खाड़ी से नमी आने के कारण उत्तर छत्तीसगढ़ में शनिवार की रात से ही मौसम खराब हो गया है। मेघ गर्जना के साथ अंबिकापुर में रविवार की शाम 5 बजे तक लगभग 10 मिलीमीटर वर्षा हुई, इसके बाद भी वर्षा का क्रम जारी है, तो वहीं छत्तीसगढ़ के शिमला मैनपाट में ओलावृष्टि हुई है।
बारिश के कारण सीतापुर सहित पूरे सरगुजा में अधिकतम व न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। अगर किसी क्षेत्र में व्यापक रूप से ओलावृष्टि होती है तो न्यूनतम तापमान में और भी गिरावट दर्ज होगी।
विक्षोभ के प्रभाव से अंबिकापुर सहित पूरे सरगुजा में शनिवार की देर रात से रविवार की शाम तक रुक-रुक कर झमाझम वर्षा हो रही है। सुबह 11 से 4 बजे तक बारिश थमने से लोगों को थोड़ी राहत मिली थी, इसके बाद पुन: वर्षा का क्रम जारी है। मैनपाट में बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई है। मैनपाट के ग्राम पंचायत सरभंजा के लुरैना बस्ती में हुई ओलावृष्टि से बारी में लगाए प्याज सहित फसलों को नुकसान पहुंचा है।
मौसम जानकार एमएम भट्ट ने बताया कि इस समय पूर्वी बांग्लादेश तथा उसके नजदीकी क्षेत्रों में वायुमंडल के निचले हिस्से में एक चक्रवाती घेरा सक्रिय है, जो लगातार नमी की आपूर्ति कर रहा है, जिसका व्यापक प्रभाव उत्तर छत्तीसगढ़ के सभी जिलों सहित झारखंड, बिहार पर भी पड़ा है। पिछले चार घंटों से अम्बिकापुर में रुक रुक कर मेघ गर्जन और वर्षा हो रही है।
सुबह 08.30 बजे तक अम्बिकापुर में 5.2 मिमी वर्षा एवं शाम तक 5.2 मिलीमीटर कुल 9.5 मिलीमीटर वर्षा हुई है। इसके बाद भी वर्षा का क्रम सतत जारी है।बारिश के कारण अधिकतम तापमान में 3 डिग्री तक गिरावट दर्ज की गई है तो वहीं न्यूनतम तापमान 2 डिग्री तक गिरा है।
3 मार्च तक रहेगी बादलों की आवाजाही
एमएम भट्ट ने बताया कि वर्तमान में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ 28 फरवरी को कमजोर पड़ जाएगा, लेकिन इस बीच 28 फरवरी को ही को उत्तर भारत में जम्मू-कश्मीर की ओर से एक और पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की संभावना बनी हुई है। इसके अलावा 2 मार्च को एक और पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने के कगार पर है। आगामी 3 दिनों तक उत्तर छत्तीसगढ़ के आसमानों में बादलों की आवाजाही के साथ वर्षा व ओलावृष्टि की संभावना बनी हुई है।