रायपुर। कांग्रेस ने वीवीपेट के माध्यम से मतगणना कराने की याचिका हाईकोर्ट में जो लगाई थी, जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने आज उसे खारिज कर दिया। हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ निर्वाचन आयोग को यह जरूर निर्देशित किया है कि मतगणना के समय धारा 324 एवं 329 का पालन हो।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रभारी महामंत्री गिरीश देवांगन की याचिका पर उच्च न्यायालय में आज दोपहर सुनवाई हुई थी। कांग्रेस पार्टी ने अपनी याचिका में ईवीएम मशीन के साथ साथ वीवीपेट मशीन से भी मतगणना कराए जाने की मांग रखी थी। कांग्रेस पार्टी ने यह भी मांग की थी कि चौकी वीवीपेट मशीन व्यवस्था चुनाव आयोग के द्वारा बनाई गई है। जिससे यह पता चल सके कि ईवीएम मशीन में छेड़खानी नहीं की गई है। यदि ईवीएम में छेड़खानी कर दी गई हो तो भी पेट को सेकंड ऑप्शन एवं एविडेंस के रूप में उपयोग किया जा सकता है। छत्तीसगढ़ में वृहद पैमाने पर स्ट्रांग रूम खोलने की घटनाएं हुई हैं। स्ट्रांग रूम के आसपास मोबाइल लैपटॉप तथा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज लेकर बहुत से कार्यकर्ता या अन्य व्यक्ति या प्रशासन के अधिकारी स्ट्रांग रूम के सामने पाए गए थे। जिससे कि कहीं ना कहीं आम लोगों एवं कांग्रेस पार्टी के सदस्यों के मध्य चुनाव आयोग के प्रति अविश्वास का माहौल बना। जिसके चलते इस चुनाव की प्रक्रिया में सही मतगणना संभव दिखाई नहीं दे रही। ऐसी स्थिति में उच्च न्यायालय के समक्ष जाने के अलावा अन्य कोई भी रास्ता कांग्रेस पार्टी के पास नहीं बचा। आज कांग्रेस पार्टी की ओर से देश के जाने माने अधिवक्ता विवेक तंखा एवं सतीश चंद्र वर्मा ने हाईकोर्ट में पक्ष रखा कि यदि वीवीपेट मशीन से चुनाव आयोग के स्वयं के निर्देशों के अनुसार ही जिन सीटों पर एवं जिन बिंदुओं पर विवाद उत्पन्न हुआ है उनमें दोनों माध्यम से मतगणना कर दिए जाने पर किसी भी पक्षकार को नुकसान नहीं है। यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो निश्चित रूप से अवैध कार्य करने वाले को बल मिलेगा एवं लोकतंत्र की हत्या होगी। चुनाव आयोग ने मतदान के अलग अलग प्रतिशत जारी किए थे। इससे लग रहा है कि आयोग भ्रमित है अथवा भ्रम प्रस्तुत किए गए हैं। सभी पक्षों को सुनने के उपरांत हाईकोर्ट ने आज शाम में अपना फैसला सुनाया।