Railways In Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में रेल क्रांति की रफ्तार तेज, 47 हजार करोड़ की परियोजनाएं प्रगति पर, 2030 तक दोगुना होगा रेल नेटवर्क
Railways In Chhattisgarh: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में रेलवे विकास का नया युग...
रायपुर। Railways In Chhattisgarh: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में रेलवे विकास का नया युग शुरू हो गया है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गति देने और “विकसित भारत-विकसित छत्तीसगढ़” के सपने को साकार करने के लिए कई नई रेल परियोजनाएं मंजूरी पा चुकी हैं। 2030 तक राज्य का रेल नेटवर्क दोगुना होकर 2200 रूट किलोमीटर तक पहुंच जाएगा।
161 साल में 1100 किमी और अब 16 साल में ही होगा दोगुना विकास
साल 1853 से 2014 तक यानी 161 सालों में जहां छत्तीसगढ़ में महज 1100 रूट किलोमीटर रेललाइन बनी थी, वहीं 2014 से 2030 तक के 16 सालों में ही नेटवर्क दोगुना होकर 2200 किमी हो जाएगा। यह प्रगति प्रधानमंत्री मोदी की केंद्र सरकार की नीति और बजट सहयोग का नतीजा है।
बजट और प्रगति की बड़ी तस्वीर
केन्द्र सरकार ने वर्ष 2025-26 के लिए छत्तीसगढ़ को 6925 करोड़ रुपए का बजट दिया है। वर्तमान में लगभग 47 हजार करोड़ की लागत से प्रदेश में विभिन्न रेल परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। रायपुर से विशाखापट्टनम और रायपुर से नागपुर के बीच दो वंदे भारत ट्रेनों की सौगात भी प्रदेश को मिल चुकी है। इसके अलावा मेट्रो ट्रेन के लिए भी राज्य सरकार ने सर्वे का फैसला लिया है।
वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन की ओर कदम
राज्य के 32 रेलवे स्टेशनों को अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत वर्ल्ड क्लास स्टेशन के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसमें अत्याधुनिक यात्री सुविधाएं, स्वच्छता, डिजिटलीकरण और पर्यावरण अनुकूल निर्माण को प्राथमिकता दी जा रही है।
हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने अंबिकापुर, उरकुरा, भिलाई, भानुप्रतापपुर और डोंगरगढ़ स्टेशनों का लोकार्पण किया। रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग स्टेशनों का पुनर्विकास क्रमशः 463 करोड़, 435 करोड़ और 456 करोड़ की लागत से किया जा रहा है।
प्रमुख रेल परियोजनाएं
वर्तमान में निर्माणाधीन प्रमुख रेल प्रोजेक्ट्स:
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राजनांदगांव-नागपुर तीसरी लाइन (228 किमी): ₹3544.25 करोड़
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बिलासपुर-झारसुगुड़ा चौथी लाइन (206 किमी): ₹2135.34 करोड़
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खरसिया-धरमजयगढ़ नई रेललाइन (162.5 किमी): ₹3438.39 करोड़
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गौरेला-पेंड्रारोड-गेवरा रोड (156.81 किमी): ₹4970.11 करोड़
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बोरिडांड-अंबिकापुर दोहरीकरण (80 किमी): ₹776 करोड़
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चिरमिरी-नागपुर न्यू हॉल्ट लाइन (17 किमी): ₹622.34 करोड़
बस्तर अंचल की नई रेल परियोजनाएं
रावघाट-जगदलपुर रेललाइन (140 किमी) को ₹3513.11 करोड़ की मंजूरी मिल चुकी है। यह परियोजना बस्तर के विकास, पर्यटन और रोजगार में मील का पत्थर साबित होगी। नक्सल प्रभावित इलाकों में शांति स्थापना में भी इस रेललाइन की अहम भूमिका होगी।
केके रेल लाइन (कोत्तवलसा-किरंदुल) के दोहरीकरण का कार्य तेज गति से जारी है। इस 446 किमी परियोजना में 170 किमी हिस्सा छत्तीसगढ़ में आता है, जिसमें से 148 किमी का कार्य पूर्ण हो चुका है।
सुकमा-दंतेवाड़ा-बीजापुर को भी मिलेगी कनेक्टिविटी
कोठागुडेम (तेलंगाना) से किरंदुल तक प्रस्तावित 160.33 किमी रेललाइन का सर्वे अंतिम चरण में है। इसका 138.51 किमी हिस्सा छत्तीसगढ़ से होकर गुजरेगा। इससे सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर जैसे पिछड़े जिलों को पहली बार रेल नेटवर्क से जोड़ा जाएगा।
अगली पंक्ति में ये रेल योजनाएं
डीपीआर और सर्वे अंतिम चरण में:
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अंबिकापुर-बरवाडीह (200 किमी): ₹9718 करोड़
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खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा (278 किमी): ₹7854 करोड़
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धरमजयगढ़-लोहरदगा (301 किमी): ₹16,834 करोड़
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सरदेगा-भालूमाड़ा (37.24 किमी): ₹1282 करोड़
छत्तीसगढ़ रेलवे कॉरपोरेशन की बड़ी भूमिका
राज्य सरकार ने कटघोरा से डोंगरगढ़ रेललाइन के लिए ₹300 करोड़ का प्रावधान किया है। इससे मालगाड़ियों का लोड कम होगा और यात्री रेल सेवाएं भी बेहतर होंगी। इस प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण और निर्माण प्रारंभ हो चुका है।



