छत्तीसगढ़

उजागर हुई निजी अस्पताल की लापरवाही, जान बचाने के लिए काट दिया नवजात का हाथ

रायपुर। राजधानी के एक निजी अस्पताल में लापरवाही का मामला सामने आया है, जहां नवजात बच्चे को गलत इंजेक्शन लगाने से रिएक्शन हुआ उसका हाथ जान बचाने के लिए काटना पड़ गया। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डॉक्टर्स ने बताया कि अब बच्चा इंजेक्शन से हुए रिएक्शन से बाहर आ चुका और पूरी तरह से सुरक्षित है। इस घटना ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं कि डॉक्टर्स कब तक जान से खिलवाड़ करते रहेंगे और इन पर शासन -प्रशासन कब कार्रवाई करेगा?
घटना अप्रैल 2019 की है, जब राजधानी के कोटा निवासी अभिनव पाल के घर बच्चे ने जन्म लिया। प्री मिच्यौर डिलीवरी होने के चलते बच्चा कमजोर था। उसे शंकर नगर स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। इस दौरान डॉक्टर्स ने जो इंजेक्शन लगाया, उससे नवजात के दाएं हाथ में रिएक्शन हो गया। कोहनी तक हिस्सा नीला पड़ गया, डॉक्टरों ने उक्त रिएक्शन की परिजनों को जनकारी नहीं दी।
लगातार रिएक्शन बढ़ने पर परिजनों को जानकारी दी। परिजन अभिनय ने बताया कि राजधानी के कई अस्पतालों में रिएक्शन के इलाज के लिए चक्कर काटे, लेकिन बच्चे की केवल एक माह से कम उम्र होने के कारण ऑपरेशन के लिए तैयार नहीं। वहीं एम्स के डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर बच्चे को नया जीवन दिया है।
ऐसे किया ऑपरेशन
एम्स के हड्डी रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. आलोक अग्रवाल और नियो नेटोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. फाल्गुनी पाणि ने बताया कि बच्चे के हाथ का कोनही से नीचे का हिस्सा पूरी तरह से खराब हो चुका था। बच्चे का वजन केवल नौ सौ ग्राम था, साथ ही बच्चा सात माह में पैदा हुआ था। ऐसे में ऑपरेशन करना चुनौतीपूर्ण था। साथ ही रिएक्शन लगातार बढ़ता जा रहा था। डॉक्टरों की टीम बनाकर बच्चे का ऑपरेशन किया गया। अब वह पूरी तरह से स्वस्थ है।

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