CG BJP POLITICS | कांग्रेस छोड़ आए नेताओं को भाजपा में बड़ा इनाम, पुराने कार्यकर्ता खफा

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी को हमेशा एक अनुशासित दल माना जाता रहा है, जहाँ वर्षों तक पार्टी के सिद्धांतों पर चलने वाले कार्यकर्ताओं को ही नेतृत्व में स्थान मिलता था। लेकिन अब हालात बदलते दिख रहे हैं। पार्टी में दूसरे दलों से आए नेताओं को तेजी से महत्व दिया जा रहा है, जिससे पुराने कार्यकर्ताओं की चिंता बढ़ गई है।
मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर जिन नामों की चर्चा हो रही है, उनमें कई ऐसे नेता शामिल हैं जो पहले कांग्रेस या अन्य दलों से जुड़े रहे हैं। अंबिकापुर से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता टीएस सिंहदेव को हराने वाले राजेश अग्रवाल (पूर्व कांग्रेसी), बसना के विधायक संपत अग्रवाल (कभी बागी और निष्कासित), और गुरु खुशवंत साहेब (चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल) जैसे नेताओं के नाम नए मंत्रियों की सूची में चर्चा में हैं।
इसी तरह, निगम-मंडलों में भी कांग्रेस पृष्ठभूमि से जुड़े नेताओं को अहम जिम्मेदारी दी गई है। खनिज विकास निगम के अध्यक्ष सौरभ सिंह का राजनीतिक सफर कांग्रेस, बसपा और फिर भाजपा से जुड़ता रहा है। वहीं, भाजपा प्रदेश पदाधिकारियों की नई सूची में भी ऐसे नाम शामिल हैं, जिन पर पहले पार्टी प्रत्याशियों के खिलाफ काम करने और कांग्रेस समर्थित गतिविधियों के आरोप लग चुके हैं।
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि भाजपा के इस बदले हुए समीकरण से एक ओर संगठन में नए चेहरों की एंट्री मजबूत होगी, वहीं दूसरी ओर पुराने कार्यकर्ताओं की उपेक्षा असंतोष का कारण बन सकती है।



