सिलतरा में हर घर तक पहुंच रहा औद्योगिक प्रदूषण, हवा के झोंकों के साथ उड़ रही काली राख, ग्रामीण परेशान
छत्तीसगढ़ के सिलतरा औद्योगिक क्षेत्र के आसपास बसे गांवों में औद्योगिक प्रदूषण अब लोगों के घर-आंगन तक

रायपुर। छत्तीसगढ़ के सिलतरा औद्योगिक क्षेत्र के आसपास बसे गांवों में औद्योगिक प्रदूषण अब लोगों के घर-आंगन तक पहुंच गया है। गुरुवार दोपहर तेज हवा के चलते फैक्ट्रियों से उड़ती काली राख ने पूरे इलाके को ढक लिया। यह स्थिति कोई नई नहीं है, बल्कि क्षेत्रवासियों की रोजमर्रा की त्रासदी बन चुकी है।
गुरुवार दोपहर करीब दो बजे मौसम बदलते ही जब तेज हवा चली, तो सिलतरा फेस-2 की औद्योगिक इकाइयों से उड़ने वाली काली डस्ट हवा के साथ कई किलोमीटर दूर तक फैल गई। न केवल राहगीरों के लिए यह स्थिति बेहद मुश्किल भरी रही, बल्कि दर्जनों गांवों में लोगों के घरों के भीतर तक यह धूल पहुंच गई।
बारिश बनी थोड़ी राहत की वजह
करीब ढाई बजे शुरू हुई बारिश से लोगों को थोड़ी राहत जरूर मिली, लेकिन यह अस्थायी समाधान था। बारिश के थमते ही राख और प्रदूषण फिर हवा में घुलने लगता है, जिससे सांस लेने तक में तकलीफ होती है।
जनजीवन पर असर, लेकिन प्रशासन मौन
स्थानीय लोग बताते हैं कि चाहे सरकार बदली हो या विधायक, लेकिन सिलतरा और धरसींवा क्षेत्र की हालात जस की तस बनी हुई है। प्रदूषण नियंत्रण की न तो कोई ठोस योजना दिखाई देती है और न ही प्रशासन की ओर से कार्रवाई।
वीडियो में कैद हुआ प्रदूषण का तांडव
गुरुवार के इस दृश्य को स्थानीय लोगों ने वीडियो में कैद किया, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि कैसे काली धूल हवा में उड़ती हुई गांवों और घरों तक पहुंच रही है।
औद्योगिक विकास की कीमत अब यहां के आम लोग अपनी सेहत से चुका रहे हैं। सवाल उठता है कि आखिर कब इस क्षेत्र में प्रदूषण नियंत्रण को लेकर ठोस और प्रभावी कदम उठाए जाएंगे? क्योंकि फिलहाल तो हर सांस में ज़हर घुलता नजर आ रहा है।