छत्तीसगढ़

लोकसभा एवं विधानसभा की तरह होंगे सहकारिता चुनाव

लम्बे समय से निर्वाचन टालने वाले अधिकारियों को चेतावनी

रायपुर। राज्य सहकारी निर्वाचन आयोग के आयुक्त गणेश शंकर मिश्रा ने कहा कि राज्य में सहकारिता चुनाव लोकसभा और विधानसभा चुनाव की तरह ही होंगे। सहकारिता चुनाव में अगंभीर अभ्यर्थियों की जमानत राशि जब्त होगी।
गुरुवार को राज्य के शीर्ष से प्राथमिक स्तर की सहकारी संस्थाओं के निर्वाचन के संबंध में प्रदेश के सभी समन्वयकों, अपर/संभागीय, संयुक्त, जिला उप/सहायक पंजीयकों की राज्य स्तरीय संयुक्त समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में आयुक्त श्री मिश्रा ने बताया कि राज्य सहकारी निर्वाचन आयोग का गठन राज्य के सभी प्रकार के सहकारी संस्थाओं के समयबद्ध निर्वाचन के उद्देश्य से सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 के प्रावधानों के तहत एक स्वतंत्र विधिक संस्था के रूप में किया गया है।
सहकारिता विभाग के सभी अधिकारियों का दायित्व है कि आयोग द्वारा जारी समय-समय पर सभी निर्देशों का पालन सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ समयसीमा में करें। किसी भी प्रकार के सोसाइटी के बोर्ड के कार्यकाल की समाप्ति के पूर्व ही नए बोर्ड का गठन आवश्यक है तथा किन्हीं कारणों से नहीं हो पाया तो अधिकतम छह माह की अवधि में नए बोर्ड का निर्वाचन हर हालत में होना अनिवार्य है। बड़ी संख्या में इसका पालन नहीं होने से विसंगतीपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो रही है तथा इसके लिए संबंधित समन्वयक उत्तरदायी हैं। आयुक्त ने इन स्थिति पर अपनी अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए भविष्य में इसका पालन करने के कड़े निर्देश दिए।
सात सहकारी संस्थानों में चुनाव कराने अंतिम अवसर
आयुक्त ने शीर्ष सहकारी संस्था, राज्य सहकारी संघ, राज्य सहकारी बैंक (अपेक्स), मां महामाया सहकारी शक्कर कारखाना मर्यादित, अंबिकापुर (केरता) एवं लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल सहकारी शक्कर कारखाना मर्यादित, पण्डरिया का निर्वाचन भी समयावधि में सम्पन्न नहीं किए जाने तथा विषयांतर्गत उदासीनता बरते पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों को समयसीमा में समयबद्ध कार्यक्रम बनाकर निर्वाचन कार्य कराने का निर्देश देते हुए अंतिम अवसर प्रदान किया गया। शक्कर कारखानों के प्रबंध संचालकों को निर्वाचन के संबंध में सहकारिता अधिनियम के पालन नहीं किए जाने पर आयुक्त द्वारा असंतोष व्यक्त किया गया तथा स्पष्ट किया गया कि भविष्य में इस प्रकार की स्थिति की पुनरावृत्ति न हो, यह सुनिश्चित करना उनका व्यक्तिगत दायित्व है। उन्होंने कहा कि अधिनियम की धारा 49(8) का पालन सुनिश्चित किया जाना संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी। बैठक में मां महामाया सहकारी शक्कर कारखाना मर्यादित, अंबिकापुर (केरता) एवं लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल सहकारी शक्कर कारखाना मर्यादित, पण्डरिया के प्रबंध संचालक एवं अपर पंजीयक भी उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि निर्वाचन आयोग के गठन के बाद पहली बार विस्तारपूर्वक समीक्षा बैठक आयोजित की गई। आयुक्त ने बताया कि हर 4 माह में बैठक आयोजित की जाएगी।
जमानत जब्त की व्यवस्था होगी
आयुक्त ने जिस प्रकार लोकसभा/विधानसभा के निर्वाचन में प्रावधानों के तहत न्यूनतम मत प्राप्त न होने पर अभ्यर्थी की जमानत राशि जब्त होती है, उसी प्रकार की व्यवस्था विभिन्न समितियों के निर्वाचन में भी नियम बनाने के निर्देश दिए गए। इन प्रावधानों से ऐसे अभ्यर्थी, जो गंभीर नहीं होते हैं, चुनाव प्रक्रिया में भाग लिए जाने से हतोत्साहित होंगे। उन्होंने बताया कि जिन अधिकारियों की ड्यूटी निर्वाचन कार्य में लगाई गई है, उन्हें मानदेय का प्रावधान किए जाने की जानकारी दी। इन प्रावधानों के लिए सहकारी निर्वाचन आयोग के सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है, जो एक माह मेें आयुक्त को प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगी। समिति में अपर पंजीयक को भी सदस्य बनाया गया है।

Related Articles

Back to top button