छात्र की मौत पर अमेरिकी कोर्ट ने उत्तर कोरिया पर लगाया 3500 करोड़ का हर्जाना
वाशिंगटन। अमेरिका की संघीय कोर्ट ने वर्जीनिया यूनिवर्सिटी के छात्र ओट्टो वार्मबियर की मौत मामले में उत्तर कोरिया पर करीब 3500 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। जज बेरिल हॉवेल ने सोमवार को यह आदेश छात्र के माता-पिता की अपील पर सुनवाई के बाद सुनाया है। बता दें कि, 22 साल का वार्मबियर 2016 में उत्तरकोरिया के टूर पर गया था। वहां उसे चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
अमेरिका की एक जिला अदालत के जज ने वर्जीनिया यूनिवर्सिटी के छात्र ओट्टो वार्मबियर की मौत के लिए उत्तर कोरिया को दोषी ठहराया है। फेडरल जज बेरिल हॉवेल ने उत्तर कोरिया को आदेश दिया है कि ओट्टो की मौत से उनके परिवार को हुए आर्थिक व भावनात्मक नुकसान की भरपाई के लिए 50 करोड़ डॉलर (करीब 3500 करोड़ रुपये) की रकम अदा करें।
ओट्टो छात्रों के एक दल के साथ उत्तर कोरिया गए थे, जहां उन्हें एक प्रतिबंधित क्षेत्र से प्रोपेगेंडा पोस्टर (देश, सरकार या क्रांति से संबंधित) चुराने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था। मार्च, 2016 में उन्हें 15 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई थी। उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच जारी तनातनी को इस घटना ने और बढ़ा दिया था।
जेल में ओट्टो की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें रिहा कर दिया गया था। कोमा की हालत में अमेरिका लौटे ओट्टो के शरीर पर कई गंभीर जख्म थे, जिनसे साफ हो रहा था कि कोरियाई जेल में उन्हें बहुत यातनाएं दी गई थीं।
इलाज के दौरान जून, 2017 में ओट्टो ने दम तोड़ दिया था। ओट्टो के माता-पिता सिंडी और फ्रेड वार्मबियर ने उत्तर कोरिया को उनकी मौत का दोषी ठहराते हुए अमेरिकी अदालत में मुकदमा दाखिल किया था।
जज ने अपने फैसले में कहा है, ‘ओट्टो जब उत्तर कोरिया गए थे तो उनकी आंखों में बड़े सपने थे और उन्हें हासिल करने की काबिलियत थी। जब वह लौटे तो ना देख सकते थे और ना ही सुन सकते थे।’
वार्मबियर दंपती ने इस फैसले का स्वागत किया है। हालांकि कोर्ट के इस फैसले को अमल में लाने का कोई तंत्र मौजूद नहीं है। लेकिन, पीड़ित परिवार को राज्य प्रायोजित अपराधों के पीडि़तों के लिए बनाए गए कोष से मदद दी जाएगी।
अमेरिका का न्याय विभाग इस रकम की भरपाई के लिए उत्तर कोरिया के बाहर मौजूद उसकी संपत्ति जब्त करने पर भी विचार कर सकता है।