छत्तीसगढ़

हाथियों का दल अब जंगल की ओर लौटने लगा

रायपुर। महासमुंद नदी किनारे पहुंचा 22 उत्पाती हाथियों का दल अब जंगल की ओर लौटने लगा है और नदी से करीब 10-12 किमी दूर कुकराडीह पहुंच चुका है, जहां वन अमला उसकी लगातार निगरानी में जुटा है। दूसरी ओर हाथियों के दल को देखने के लिए वहां लोगों की भीड़ पहुंच रही है, जिसे दूर रहने और पटाखा न फोडऩे की सलाह दी जा रही है। दो दिनों से डेरा जमाए हाथियों से यहां नदी किनारे लगी साग-सब्जी, धान, गेहूं आदि की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है।
महासमुंद, सिरपुर, आरंग के आसपास उत्पाती हाथियों का दल पिछले दो साल में आठ बार आ चुका है। कल भी 22 उत्पाती हाथियों का दल यहां सिरपुर के अछोली गांव तक पहुंच गया था, जो रायपुर से करीब 36 किमी दूर है। इसमें 9 शावक हैं। उत्पाती हाथियों के आने से वहां लोग दहशत में आ गए और रातभर जागकर उसकी निगरानी करते रहे, लेकिन इन हाथियों ने किसी गांव में घुसने के बजाय महानदी किनारे लगी साग-सब्जी, धान, गेहूं, चना आदि की फसल को भारी नुकसान पहुंचाया। उसे खाकर वे सभी अपना पेट भरते रहे। आज सुबह हाथियों का यह दल वहां से निकलकर जंगल की ओर वापस बढऩे लगा है, जिससे आसपास गांव के लोगों ने थोड़ी राहत महसूस की है।
हाथियों की निगरानी में जुटे वन विभाग के डॉ. जेके जडिय़ा का कहना है कि उनकी टीम लगातार हाथियों की निगरानी में लगी है। वन अमला मौके पर मौजूद होकर उसकी निगरानी कर रहा है। हाथियों का दल जंगल की ओर आगे बढ़ चुका है और अब उसके वापस गांव की ओर आने की उम्मीद कम है। फिर भी लोगों को सलाह दी जा रही है कि वे उसके पास आने-जाने से बचें और वहां जाकर पटाखा न फोडें़। इसके बाद भी कुछ लोग उसे देखने के लिए आ-जा रहे हैं। हाथियों से फसल को नुकसान हुआ है, बाकी कोई जनहानि नहीं हुई है। सभी हाथी शांति से आए और पेट भरने के बाद वापस जंगल की ओर बढ़ गए हैं। विभाग की ओर से फसल नुकसान की भरपाई की जाएगी।

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