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राफेल मामले में सरकार को सुप्रीम कोर्ट में बड़ा झटका, कोर्ट में रखे गए दस्तावेज मान्य

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को राफेल मामले में सरकार को बड़ा झटका देते हुए कहा कि अदालत में रखे गए लीक दस्तावेज मान्य है। अदालत ने इस मामले में सरकार की आपत्तियां खारिज कर दी।
सीजेआई रंजन गोगोई, जस्टिस एसके कौल और केएमएम जोसेफ की तीन जजों वाली पीठ ने कहा कि अब वह राफेल सौदे में गलत करने का आरोप लगाते हुए याचिकाकर्ताओं द्वारा दिए नए दस्तावेज की रोशनी में समीक्षा याचिकाओं की सुनवाई करेगी। उच्चतम न्यायालय राफेल पर पुनर्विचार याचिकाओं की सुनवाई के लिए तारीख तय करेगा।
याचिकाकर्ता अरुण शौरी ने राफेल पुनर्विचार याचिका पर आये निर्णय पर कहा, हम दस्तावेजों की स्वीकार्यता पर केंद्र के तर्क को सर्वसम्मति से खारिज करने के आदेश से खुश हैं।
केंद्र सरकार ने कहा था कि ये विमान की कीमतों से संबंधित दस्तावेज रक्षा मंत्रालय में चोरी से फोटोकॉपी कर कोर्ट में पेश किए गए हैं। इन पर कोर्ट को संज्ञान नहीं लेना चाहिए। सरकार इस मामले आंतरिक जांच भी करवा रही है।
अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने देश की सुरक्षा का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट से पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण की याचिका खारिज करने की मांग की थी। दलील दी गई थी कि तीनों याचिकाओं में जिन दस्तावेजों का प्रयोग हुआ है, उस पर सरकार का विशेषाधिकार है। लिहाजा उन दस्तावेजों को याचिका से हटाया जाना चाहिए।
अरविंद केजरीवाल ने ट्‍वीट कर कहा कि मोदी जी हर जगह कह रहे थे कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट से राफेल में क्लीन चिट मिली है। आज के सुप्रीम कोर्ट के फैसले से साबित हो गया कि मोदी जी ने राफेल में चोरी की है, देश की सेना से धोखा किया है और अपना जुर्म छिपाने के लिए सुप्रीम कोर्ट को गुमराह किया।

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