Kanger Valley National Park: बस्तर की जैव विविधता को मिला वैश्विक सम्मान, यूनेस्को की तदर्थ सूची में शामिल
Kanger Valley National Park: छत्तीसगढ़ के कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मिली है। यूनेस्को ने इसे...

14, March, 2025 | जगदलपुर। Kanger Valley National Park: छत्तीसगढ़ के कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मिली है। यूनेस्को ने इसे 2025 की वर्ल्ड हेरिटेज साइट की तदर्थ सूची में शामिल कर लिया है। यह बस्तर और पूरे राज्य के लिए गर्व की बात है, क्योंकि छत्तीसगढ़ से पहली बार किसी साइट को यह मान्यता मिली है। अब राज्य सरकार को आगामी एक वर्ष के भीतर समस्त आवश्यक दस्तावेज और तथ्यों के साथ वर्ल्ड हेरिटेज साइट का दर्जा पाने के लिए अपना दावा प्रस्तुत करना होगा।
कांगेर घाटी का ऐतिहासिक और प्राकृतिक महत्व
कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान लगभग 200 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है और इसकी जैव विविधता इसे बेहद खास बनाती है। यहां दुर्लभ जीव-जंतुओं और वनस्पतियों की अनेक प्रजातियां पाई जाती हैं। इस क्षेत्र में मौजूद लाइमस्टोन (चूना पत्थर) की गुफाएं लाखों साल पुरानी हैं और अब भी प्राकृतिक रूप से विकसित हो रही हैं। कांगेर घाटी आदिवासी समुदायों, विशेष रूप से धुरवा जनजाति का भी पारंपरिक निवास स्थान है, जो जंगल को संरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज सूची में जगह पाने की प्रक्रिया
यूनेस्को किसी स्थल को तीन श्रेणियों में वर्ल्ड हेरिटेज साइट का दर्जा प्रदान करता है—प्राकृतिक, सांस्कृतिक और मिश्रित। कांगेर घाटी के लिए आवेदन प्राकृतिक धरोहर श्रेणी में भेजा गया था, जिसे अब तदर्थ सूची में शामिल कर लिया गया है। यह निर्णय वन विभाग, पुरातत्व विभाग और विभिन्न शोधकर्ताओं के संयुक्त अध्ययन और वर्षों की मेहनत के बाद लिया गया है।
कांगेर घाटी की विशेषताएँ
कांगेर घाटी अपने दुर्लभ और अनोखे पारिस्थितिकीय तंत्र के लिए प्रसिद्ध है। यहां इंसानों की तरह बोलने वाली पहाड़ी मैना का प्राकृतिक आवास है। इसके अलावा, उद्यान में मौजूद 16 प्राकृतिक गुफाएं इसे देश के अन्य हिस्सों की गुफाओं से अलग बनाती हैं। इनमें कोटमसर गुफा विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जहां दुर्लभ अंधी मछलियां पाई जाती हैं।
भविष्य में क्या होगा?
यूनेस्को द्वारा तदर्थ सूची में शामिल होने के बाद अब छत्तीसगढ़ सरकार और संबंधित विभागों को इस राष्ट्रीय उद्यान को वर्ल्ड हेरिटेज साइट का दर्जा दिलाने के लिए दस्तावेजी प्रमाण प्रस्तुत करने होंगे। यदि इसे अंतिम रूप से वर्ल्ड हेरिटेज साइट का दर्जा मिल जाता है, तो इससे इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय आदिवासी समुदायों के संरक्षण प्रयासों को भी वैश्विक पहचान मिलेगी।