Chhattisgarh Sand Mines News: छत्तीसगढ़ में रेत खनन पर रोक, अब 15 अक्टूबर के बाद ही शुरू होगा उत्खनन, निर्माण कार्यों पर पड़ेगा असर
Chhattisgarh Sand Mines News: छत्तीसगढ़ में रेत खनन पर अब पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। राज्य के नदी-नालों से रेत के उत्खनन और परिवहन...

Chhattisgarh Sand Mines News: छत्तीसगढ़ में रेत खनन पर अब पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। राज्य के नदी-नालों से रेत के उत्खनन और परिवहन पर 10 जून से 15 अक्टूबर तक प्रतिबंध लागू रहेगा। मानसून के दौरान नदियों की पारिस्थितिकी को नुकसान से बचाने के उद्देश्य से यह फैसला लिया गया है। इस अवधि में प्रदेश की सभी रेत खदानें बंद रहेंगी, जिसके चलते आने वाले चार महीनों में निर्माण कार्यों और आम उपभोक्ताओं पर इसका व्यापक असर पड़ने की आशंका है।
चार महीने बंद रहेंगे रेत खदान
खनिज साधन विभाग के मुताबिक, केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के तहत वर्षा काल में नदियों में खनन पूरी तरह से प्रतिबंधित होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ में 10 जून से लेकर 15 अक्टूबर तक रेत खनन और परिवहन पर रोक लगा दी गई है। इस संबंध में भौमिकी एवं खनिकर्म संचालनालय ने सभी जिलों के कलेक्टर और खनिज अधिकारियों को कड़े निर्देश जारी किए हैं कि आदेश का सख्ती से पालन कराया जाए।
रेत के अवैध भंडारण और खनन की शिकायतें
हालांकि प्रतिबंध लागू होने से पहले ही कुछ लाइसेंसधारियों ने वैध रूप से रेत का भंडारण कर लिया है, ताकि आगामी चार महीनों तक रेत की आपूर्ति की जा सके। लेकिन, दूसरी ओर कई स्थानों से अवैध रेत भंडारण और खनन की शिकायतें भी सामने आ रही हैं। कई रेत खदानें पहले से ही पर्यावरणीय स्वीकृति न होने के कारण बंद हैं, इसके बावजूद नदी-नालों से चोरी-छिपे रेत निकालने की गतिविधियां जारी रहने की आशंका बनी हुई है।
अवैध रेत कारोबारियों पर कार्रवाई
खनिज विभाग ने स्पष्ट किया है कि रेत के अवैध उत्खनन, भंडारण और परिवहन को रोकने के लिए जिला स्तर पर निगरानी और कार्रवाई तेज कर दी गई है। जहां भी अवैध गतिविधियों की शिकायतें मिल रही हैं, वहां तत्काल कार्रवाई करते हुए वाहनों की जब्ती और जुर्माना लगाया जा रहा है। विभाग ने आम लोगों से भी अपील की है कि वे किसी भी तरह की अवैध गतिविधि की जानकारी प्रशासन को दें।
निर्माण कार्यों पर पड़ेगा असर
रेत खदानें बंद होने और आपूर्ति घटने से इसका सीधा असर सड़क, भवन और अन्य निर्माण परियोजनाओं पर पड़ेगा। निर्माण कार्यों के लिए अब केवल उन्हीं भंडारों से रेत खरीदी जा सकेगी, जहां पहले से वैध रूप से स्टॉक किया गया हो। ऐसे में आशंका है कि रेत के दाम बढ़ सकते हैं, जिससे आम उपभोक्ताओं और बिल्डरों को आर्थिक बोझ झेलना पड़ेगा।
छत्तीसगढ़ में रेत खनन पर प्रतिबंध पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से आवश्यक है, लेकिन इसका सीधा असर निर्माण उद्योग और आम नागरिकों पर पड़ने वाला है। प्रशासन को चाहिए कि वह अवैध रेत खनन और जमाखोरी पर सख्ती से रोक लगाए, ताकि इस संकट को कम किया जा सके। वहीं उपभोक्ताओं को भी सतर्क रहकर वैध स्रोतों से ही रेत खरीदने की सलाह दी गई है।