Naxalite Encounter: मारेडपल्ली के जंगलों में बड़ी मुठभेड़, 3 इनामी माओवादी ढेर, भारी मात्रा में हथियार जब्त
Naxalite Encounter: छत्तीसगढ़ से सटे आंध्र प्रदेश के मारेडपल्ली जंगलों में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई है, जिसमें..

सुकमा/आंध्र प्रदेश। Naxalite Encounter: छत्तीसगढ़ से सटे आंध्र प्रदेश के मारेडपल्ली जंगलों में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई है, जिसमें तीन बड़े माओवादी नेताओं को ढेर कर दिया गया है। इनमें नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी के सदस्य, विशेष क्षेत्रीय समिति सदस्य और एक महिला माओवादी शामिल हैं। मुठभेड़ स्थल से एके-47 राइफलों समेत भारी मात्रा में हथियार और नक्सली सामग्री भी बरामद की गई है।
मुठभेड़ में मारे गए बड़े नक्सली नेता
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, मारे गए माओवादियों में गजरला रवि उर्फ उदय (CCM / सचिव, AOBSZC), अरुणा उर्फ वेंकट चैतन्य (SZCM, AOBSZC) और अंजू (ACM / AOBSZC) शामिल हैं।
अरुणा की पहचान छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में मारे गए कुख्यात नक्सली चलापति की पत्नी के रूप में हुई है। ये सभी लंबे समय से माओवादी आंदोलन में सक्रिय थे और इन पर लाखों का इनाम घोषित था।
कहां हुई मुठभेड़?
मुठभेड़ की यह घटना आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू (ASR) जिले के देविपटनम थाना क्षेत्र के कोंडामोडालु गांव के पास जंगलों में हुई।
सुरक्षाबलों को गुप्त सूचना मिली थी कि माओवादियों की एक बड़ी टोली इलाके में डेरा जमाए हुए है, जिसके बाद सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। इसी दौरान दोपहर के वक्त दोनों पक्षों के बीच जबरदस्त फायरिंग शुरू हो गई।
दो एके-47 राइफलें और भारी हथियार बरामद
मुठभेड़ खत्म होने के बाद सुरक्षा बलों को मौके से दो AK-47 राइफलें, कारतूस, रेडियो, बैकपैक और अन्य नक्सली साहित्य मिला है।
आंध्र प्रदेश पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी मुठभेड़ की पुष्टि की है। एसपी अमित बरदार ने जानकारी दी कि सुरक्षाबलों की टीम इलाके में अब भी सर्च ऑपरेशन चला रही है, क्योंकि संभावना है कि अन्य नक्सली भागकर आसपास के जंगलों में छिपे हों।
ऑपरेशन अभी भी जारी
सूत्रों के अनुसार, ऑपरेशन अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है। सुरक्षाबलों द्वारा जंगलों में सघन तलाशी ली जा रही है ताकि अन्य छिपे नक्सलियों को पकड़ा जा सके या उन्हें आत्मसमर्पण के लिए मजबूर किया जा सके।
यह मुठभेड़ आंध्र-छत्तीसगढ़ सीमा पर चल रहे माओवादी गतिविधियों के खिलाफ चल रहे समन्वित ऑपरेशन का हिस्सा थी।
सुरक्षा बलों की बड़ी कामयाबी
सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह मुठभेड़ एक बड़ी सफलता मानी जा रही है, क्योंकि इसमें मारे गए सभी नक्सली संगठन के शीर्ष स्तर के कमांडर थे, जो आंध्र, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में नक्सली नेटवर्क को संचालित कर रहे थे।
इनकी मौत से AOBSZC (आंध्र-ओडिशा बॉर्डर स्पेशल जोनल कमेटी) को बड़ा झटका लगा है।
मारेडपल्ली मुठभेड़ से यह स्पष्ट है कि सुरक्षाबलों ने माओवाद के खिलाफ निर्णायक अभियान तेज कर दिया है। इस कार्रवाई से न केवल एक बड़े नेटवर्क का सफाया हुआ है, बल्कि उन इलाकों में अमन और विकास की उम्मीद भी बढ़ी है जहां माओवादी लंबे समय से आतंक फैलाते आए हैं।
सरकारी सूत्रों का कहना है कि नक्सल प्रभावित इलाकों में ऑपरेशन अब और आक्रामक रूप लेगा और ऐसे कई और बड़े अभियान जल्द अंजाम दिए जाएंगे।