BREAKING NEWS | वक्फ बोर्ड में 5 साल वाली शर्त खारिज, संपत्ति अधिकारों पर भी लगाई लगाम!

नई दिल्ली, 15 सितंबर 2025। सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कानून के कुछ प्रावधानों पर रोक लगा दी है। अदालत ने फिलहाल उस शर्त को अमान्य कर दिया, जिसमें वक्फ बोर्ड का सदस्य बनने के लिए व्यक्ति को कम से कम 5 साल तक इस्लाम का पालन करना अनिवार्य बताया गया था। कोर्ट ने कहा कि जब तक सरकार इस संबंध में स्पष्ट नियम नहीं बनाती, यह प्रावधान लागू नहीं होगा।
संपत्ति अधिकारों पर बड़ा आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने धारा 3(74) और राजस्व रिकॉर्ड से जुड़े प्रावधानों पर भी रोक लगाते हुए साफ किया कि किसी कलेक्टर या कार्यपालिका को संपत्ति के अधिकार तय करने का अधिकार नहीं है। अदालत ने कहा कि जब तक वक्फ संपत्ति के मालिकाना हक पर वक्फ ट्रिब्यूनल और हाई कोर्ट का अंतिम फैसला नहीं हो जाता, तब तक न तो किसी को संपत्ति से बेदखल किया जाएगा और न ही राजस्व रिकॉर्ड में बदलाव होगा। साथ ही, इस दौरान किसी तीसरे पक्ष के अधिकार भी नहीं बनाए जाएंगे।
बोर्ड की संरचना पर टिप्पणी
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वक्फ बोर्ड में अधिकतम तीन गैर-मुस्लिम सदस्य ही होंगे। यानी 11 में से बहुमत मुस्लिम समुदाय से होना चाहिए। इसके अलावा, बोर्ड का मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) जहां तक संभव हो, मुस्लिम ही होना चाहिए।
पूरे कानून पर रोक से इनकार
अदालत ने कहा कि पूरे कानून पर रोक लगाने का कोई आधार नहीं है, लेकिन विवादित प्रावधानों पर अंतरिम सुरक्षा दी जा रही है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यह आदेश वक्फ एक्ट की संवैधानिक वैधता पर अंतिम राय नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से वक्फ संपत्तियों और बोर्ड की संरचना से जुड़े मामलों में बड़ी स्पष्टता आई है, हालांकि अंतिम फैसला अभी आना बाकी है।



