Chhattisgarh Noni Babu Yojana से टॉपर छात्रों को मिली बड़ी सौगात, बने लखपति – जानिए योजना की पूरी डिटेल
Chhattisgarh Noni Babu Yojana: छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार ने श्रमिक वर्ग के मेधावी बच्चों को पढ़ाई के क्षेत्र में प्रोत्साहित करने के लिए...

रायपुर। Chhattisgarh Noni Babu Yojana: छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार ने श्रमिक वर्ग के मेधावी बच्चों को पढ़ाई के क्षेत्र में प्रोत्साहित करने के लिए एक अनोखी योजना चलाई है – ‘मुख्यमंत्री नोनी-बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना’। इस योजना के तहत प्रदेश के उन बच्चों को सम्मानित किया गया है, जिन्होंने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में शानदार प्रदर्शन कर टॉप-10 में जगह बनाई है। मुख्यमंत्री ने ऐसे 31 मेधावी छात्रों को 2-2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी है, जिससे वे आगे की पढ़ाई अच्छे से कर सकें और ज़िंदगी में नई ऊंचाइयों तक पहुंच सकें।
किन छात्रों को मिला योजना का लाभ?
छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित बोर्ड परीक्षाओं में 10वीं कक्षा के 26 और 12वीं कक्षा के 5 बच्चों को यह सम्मान मिला है। ये सभी बच्चे निर्माण श्रमिकों के परिवारों से आते हैं और सभी के माता-पिता श्रम विभाग में पंजीकृत हैं। प्रत्येक छात्र को 2 लाख रुपये की सहायता राशि दी गई, जिसमें से 1 लाख रुपये दोपहिया वाहन खरीदने के लिए और 1 लाख रुपये पढ़ाई के लिए प्रोत्साहन राशि के रूप में दिया गया।
क्या है मुख्यमंत्री नोनी-बाबू योजना?
इस योजना का नाम बेहद ही दिलचस्प है – ‘नोनी’ का अर्थ होता है बेटी और ‘बाबू’ का मतलब बेटा। इसका उद्देश्य श्रमिकों के बेटों और बेटियों को शिक्षा में बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित करना है। योजना के तहत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों को उनकी शैक्षणिक योग्यता के आधार पर आर्थिक सहायता दी जाती है। इसका संचालन छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा किया जा रहा है।
योजना की मुख्य शर्तें
इस योजना का लाभ लेने के लिए छात्र को बोर्ड परीक्षा में कम से कम 75 प्रतिशत अंक लाने होंगे। साथ ही, उसके माता-पिता का नाम श्रम विभाग के रोजगार पंजीयन में दर्ज होना जरूरी है। योजना का लक्ष्य उन मेधावी छात्रों की मदद करना है जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से आते हैं लेकिन पढ़ाई में पीछे नहीं हैं।
19.71 करोड़ रुपये की डीबीटी सहायता
राज्य सरकार ने इस योजना के तहत राज्यभर के 38,200 पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को 19.71 करोड़ रुपये से अधिक की सहायता राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिए उनके बैंक खातों में भेजी है। इसका लाभ ना सिर्फ बोर्ड टॉपर बच्चों को, बल्कि आगे की पढ़ाई के लिए विभिन्न स्तरों पर छात्रों को मिल रहा है।
उच्च शिक्षा में भी मिलती है मदद
यदि कोई छात्र ITI, इंजीनियरिंग, मेडिकल, लॉ, नर्सिंग, IIT या अन्य किसी प्रोफेशनल कोर्स में एडमिशन लेता है तो उसे ट्यूशन फीस, एडमिशन फीस, हॉस्टल और मेस की पूरी फीस सरकार द्वारा लौटाई जाएगी। इसके अलावा हर साल 2,000 रुपये किताबें और स्टेशनरी के लिए अलग से मिलेंगे।
जानिए कितनी स्कॉलरशिप मिलती है?
10वीं और 12वीं कक्षा के छात्र:
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लड़के – ₹5,000
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लड़कियां – ₹5,500
ग्रेजुएशन स्तर पर:
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लड़के – ₹7,000
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लड़कियां – ₹7,500
पोस्ट ग्रेजुएशन में:
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लड़के – ₹10,000
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लड़कियां – ₹10,500
प्रोफेशनल कोर्स के लिए:
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लड़के – ₹12,000
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लड़कियां – ₹12,500
योजना का उद्देश्य
सरकार की यह पहल न केवल छात्रों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने का अवसर देती है, बल्कि श्रमिक परिवारों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति में भी सुधार लाने का काम करती है। बेटियों को विशेष प्रोत्साहन देने के लिए उनकी स्कॉलरशिप राशि थोड़ी ज्यादा रखी गई है, जिससे वे भी आत्मनिर्भर बन सकें।
छत्तीसगढ़ सरकार की ‘मुख्यमंत्री नोनी-बाबू योजना’ श्रमिक वर्ग के बच्चों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इससे न सिर्फ उनके सपनों को उड़ान मिल रही है, बल्कि राज्य में शिक्षा को लेकर एक सकारात्मक माहौल भी बन रहा है। योजना का लाभ उठाने वाले बच्चों ने इसे अपनी मेहनत और लगन से सच साबित कर दिखाया है।