छत्तीसगढ़

आज भी नहीं मिला है इस गाँव के लोगों को मतदान का अधिकार

करीब 52 परिवार वाले गांव में पेजयल के लिए पर्याप्त सुविधाएं भी नहीं हैं

नारायणपुर। अबूझमाड़ के बासिंग पंचायत के आश्रित गांव हरिमरका के लोग पिछले कई दशक से राष्ट्रधर्म निभाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। इस गांव के मतदाताओं का नाम अब तक मतदाता सूची में शामिल नहीं हो पाया है।

चुनाव आयोग के द्वारा मतदाता जागरूकता अभियान चलाया जाता है, इसके बावजूद पूरे गांव का नाम मतदाता सूची में शामिल न होना कई सवालों को जन्म देता है। चुनाव के दौरान पहाड़ियों की ओट में बसे हरिमरका के लोग जंगली रास्तों को पार कर मतदान केन्द्र तक पंहुचते हैं लेकिन सूची में नाम न होने से वे मतदान किए बगैर मायूस लौट जाते हैं।

नवंबर 2018 में विधानसभा चुनाव के दौरान पूरा गांव वोट डालने के लिए बासिंग पहुंचा था। वहां नाम न होने पर ग्रामीणों को कोहकामेटा और कुरूषनार मतदान केन्द्र का रास्ता दिखाया गया। इन तीनों मतदान केन्द्र के सूची में नाम न होने से ग्रामीण लौट गए।

अब लोकसभा चुनाव की सरगर्मी तेज होते ही ग्रामीण मतदाता सूची में नाम जुडाने के लिए व्याकुल नजर आ रहे हैं लेकिन जंगल के बीच बसे इस गांव पर जिला प्रशासन की नजर नहीं पड़ रही है।

गुरूवार को नईदुनिया संवाददाता ने हरिमरका गांव का दौरा कर ग्रामीणों से बात की तो यह खुलासा हुआ कि यहां के किसी भी व्यक्ति ने आज तक वोट नहीं डाला है। गांव की महिलाओं ने बताया कि गांव में आज तक किसी भी राजनैतिक दल के द्वारा प्रचार नहीं किया गया है।

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