Chhattisgarh Politics: बस्तर में ‘अडानी के लिए रेड कार्पेट बिछाने’ का आरोप, कांग्रेस निकालेगी पदयात्रा, सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन
Chhattisgarh Politics: कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार पर बस्तर के खनिज संसाधनों की "खुली बंदरबांट" का आरोप लगाया है, जिसमें...

Chhattisgarh Politics: कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार पर बस्तर के खनिज संसाधनों की “खुली बंदरबांट” का आरोप लगाया है, जिसमें खास तौर पर अडानी समूह को प्राथमिकता देने की बात कही गई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने बुधवार को एक प्रेस वार्ता में कहा कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर बस्तर की बहुमूल्य खनिज संपदा को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर रही हैं, और इसके विरोध में कांग्रेस एक बड़ा जनआंदोलन चलाएगी, जिसकी शुरुआत पदयात्रा से होगी।
निजी हाथों में जा रही बस्तर की खदानें: कांग्रेस का आरोप
दीपक बैज ने आरोप लगाया कि बस्तर की चार बड़ी लौह अयस्क की खदानें निजी पूंजीपतियों को सौंपी गई हैं। उन्होंने बताया कि इनमें से बैलाडीला की 1ए और 1बी खदानें आर्सेलर मित्तल को 50 साल के लिए लीज पर दे दी गई हैं, जबकि बैलाडीला की 1सी खदान रूंगटा स्टील को 50 साल के लिए दी गई है।
बैज ने विशेष रूप से कांकेर जिले की हाहालादी खदान का जिक्र किया, जिसे सागर स्टोन को 50 साल के लिए दे दिया गया है। उन्होंने दावा किया कि यह तो केवल शुरुआत है और इसके बाद सारी खदानें अडानी समूह को दी जाएंगी। कांग्रेस इस “रेड कार्पेट” बिछाने के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन करेगी।
इस प्रेस वार्ता में शहर जिला अध्यक्ष सुशील मौर्य, पूर्व विधायक रेखचंद जैन, नेता प्रतिपक्ष राजेश चौधरी, उपनेता प्रतिपक्ष कोमल सेना, महिला कांग्रेस अध्यक्ष लता निषाद, ब्लॉक अध्यक्ष सहदेव नाग सहित कई अन्य प्रमुख नेता मौजूद थे।
‘खातिरदारी न होने पर ग्रामीणों पर केस क्यों?’: दीपक बैज का सवाल
दीपक बैज ने चित्रकोट में राज्य के अतिथियों के लिए कथित तौर पर खातिरदारी की व्यवस्था न होने पर सरपंच और ग्रामीणों पर FIR दर्ज करने के मामले को भी उठाया। उन्होंने कहा कि अगर व्यवस्था नहीं हो पा रही थी तो उनसे (दीपक बैज से) कहा जा सकता था, लेकिन ग्रामीणों को इस मामले में क्यों फंसाया जा रहा है?
बैज ने आरोप लगाया कि अधिकारी सत्तारूढ़ दल के नेताओं और शासकीय अधिकारियों की खातिरदारी के लिए ग्रामीणों पर दबाव बनाते हैं, और न मानने पर उनके खिलाफ झूठी FIR दर्ज करवाते हैं। उन्होंने बताया कि खातिरदारी न करने वाले सरपंच को नोटिस थमाते हुए लोहंडीगुड़ा एसडीएम ने नाका बंद करने का निर्देश दे दिया, जबकि पार्किंग नाका के संचालन का अधिकार ग्राम पंचायत के पास है और इसे 10 सालों से ग्राम पंचायत एवं समिति के लोग ही संचालित कर रहे हैं। ग्रामीणों द्वारा कड़ा विरोध प्रदर्शन करने के बाद भी उनके खिलाफ केस दर्ज कर दिया गया, जिसे बैज ने चिंताजनक बताया।