छत्तीसगढ़

बस्तर संसदीय क्षेत्र में कल थम जाएगा चुनावी शोर

11 अप्रैल को होगा 1878 मतदान केंद्रों में मतदान

रायपुर। छत्तीसगढ़ में पहले चरण में शामिल बस्तर लोकसभा सीट के लिए कल दोपहर तीन बजे चुनावी शोर थम जाएगा। बस्तर में 11 अप्रैल को मतदान होना है। राजनीतिक दलों के पास चुनाव प्रचार के लिए केवल दो ही दिन शेष है। 9 अप्रैल से चुनावी शोर थम जाएगा। ऐसे में दोनों प्रमुख राजनीतिक पार्टियों ने अपने स्तर पर स्टार प्रचारकों को पूरी तरह झोंक दिया है।
बस्तर लोकसभा सीट पर कांग्रेस से चित्रकूट के विधायक विधायक दीपक बैज और भाजपा से पूर्व विधायक बैदुराम कश्यप आमने सामने होंगे। दोनों दो बार विधायक रह चुके हैं। उन्हें स्थानीय निकाय और विधानसभा का अनुभव है। कांग्रेस से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, टीएस सिंहदेव, कवासी लखमा और अन्य सदस्य प्रांतीय और स्थानीय स्तर के नेता यहां पर सक्रिय है। भाजपा से पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, धरमलाल कोशिक, दिनेश कश्यप, केदार कश्यप, महेश गागडृा, लता उसेंडी, और वर्तमान और पूर्व विधायक प्रचार में लगे हैं। बस्तर में 13 लाख 72 हजार 127 मतदाता अपने सांसद चुनेंगे।
यहां में हुए कुल 17 चुनाव में 11 सांसद चुने गए हैं। इनमें भाजपा से बलीराम कश्यप चार बार और कांग्रेस से मनकूराम सोंढ़ी तीन बार सांसद चुने गए है। भाजपा से ही दिनेश कश्यप दो बार सांसद हुए है। यहां पर चार बार निर्दलीय और जनता पार्टी ने एक बार चुनाव जीता है। यहां से भाग्य आजमाने वालों में कांग्रेस से दीपक बैज, भाजपा से बैदूराम कश्यप, सीपीआई से रामूराम मौर्य, बसपा से आयतूराम मंडावी, अम्बेडकराइट पार्टी ऑफ इंडिया से पनीश प्रसाद नाग, शिवसेना से सुरेश कवासी, अभा समग्र क्रांति पार्टी से मंगलराम कर्मा शामिल हैं।
71 फीसदी केंद्रों पर नक्सल खौफ
नक्सल प्रभावित संसदीय क्षेत्रों में शामिल बस्तर के दो तिहाई से अधिक मतदान केंद्र नक्सली प्रभाव की जद में हैं। इसके चलते पिछले दो दशक से यहां शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव संपन्न् कराना हमेशा चुनौतीपूर्ण रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद से बस्तर में नक्सल प्रभावित मतदान केंद्रों की संख्या मामूली उतार-चढ़ाव के साथ लगभग स्थिर है।
बस्तर संसदीय क्षेत्र छह जिलों में फैला हुआ है। लोकसभा चुनाव के लिए यहां 1878 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें 71 फीसद अर्थात 1332 मतदान केंद्र नक्सल प्रभावित बताए गए हैं। इनमें भी करीब 43 फीसद मतदान केंद्र नक्सल प्रभाव के लिहाज से अतिसंवेदनशील की श्रेणी में रखे गए हैं।
बस्तर संसदीय क्षेत्र में अति संवेदनशील मतदान केंद्रों से हटकर भी 534 मतदान केंद्र नक्सल प्रभावित संवेदनशील हैं। इसके अलावा 232 मतदान केंद्र संवेदनशील माने गए हैं। सामान्य मतदान केंद्रों की संख्या मात्र 314 है।
इस बार 289 मतदान केंद्रों का बदलेंगे स्थान
बस्तर क्षेत्र में वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान मतदान केंद्रों की संख्या सौ कम थी। इस दौरान कुल 1750 के आसपास मतदान केंद्र थे, जिनकी संख्या इस बार बढ़कर 1878 पहुंच गई है। 2014 के चुनाव में करीब 150 मतदान केंद्रों का स्थान सुरक्षा की दृष्टिकोण से बदला गया था, जबकि इस बार 289 केंद्रों का स्थान परिवर्तित किया जा रहा है। मतदान केंद्र आसपास होने पर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध करना संभव हो पाएगा।
तीन हेलीकॉप्टर तैनात
बीजापुर कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी केडी कुंजाम का कहना है कि इस चुनाव में चुनौतियां तो बहुत हैं पर हम हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं। उनका कहना है कि बीजापुर में कुल 85 मतदान दलों को हेलीकॉप्टर के माध्यम से भेजा जाएगा जिसके लिए बीजापुर में सेना के तीन हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं। इसके अलावा सड़क मार्ग से भेजे जाने वाले दलों की सुरक्षा के लिए बीएसएफ और सीआरपीएफ के अतिरिक्त तीन हजार जवान बुलाए गए हैं।

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