छत्तीसगढ़

Chhattisgarh High Court Bomb Threat: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी, ‘मद्रास टाइगर्स फॉर अजमल कसाब’ के नाम से आया ईमेल

Chhattisgarh High Court Bomb Threat: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी ने सोमवार को सनसनी फैला दी। ‘मद्रास टाइगर्स फॉर अजमल कसाब’ नामक अज्ञात...

10, June, 2025 | बिलासपुर। Chhattisgarh High Court Bomb Threat: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी ने सोमवार को सनसनी फैला दी। ‘मद्रास टाइगर्स फॉर अजमल कसाब’ नामक अज्ञात संगठन की ओर से भेजे गए ईमेल में कोर्ट परिसर में आईईडी लगाने का दावा किया गया। ईमेल मिलते ही हाईकोर्ट परिसर खाली कराया गया और बम स्क्वॉड के साथ व्यापक तलाशी अभियान चलाया गया, लेकिन किसी तरह का विस्फोटक नहीं मिला।

कोर्ट की कार्यवाही के बीच आया धमकीभरा मेल

गर्मी की छुट्टी के बाद जैसे ही हाईकोर्ट में कामकाज शुरू हुआ, तभी कोर्ट के आईटी सिस्टम पर एक ईमेल प्राप्त हुआ। उसमें लिखा था कि परिसर में अमोनियम सल्फर आधारित आईईडी लगाए गए हैं और जल्द धमाका किया जाएगा। यह सुनते ही कोर्ट परिसर में अफरा-तफरी मच गई।

तत्काल खाली कराया गया परिसर

धमकी की गंभीरता को देखते हुए हाईकोर्ट प्रशासन ने तुरंत पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने तुरंत हरकत में आते हुए जजों, अधिवक्ताओं, स्टाफ और पक्षकारों को परिसर से बाहर निकाला और पूरा इलाका सील कर दिया गया।

बम स्क्वॉड, डॉग स्क्वॉड की घंटों चली जांच

बिलासपुर पुलिस के साथ विशेष बम निरोधक दस्ते और डॉग स्क्वॉड को मौके पर बुलाया गया। हर कोना—कमरा, लॉबी, पार्किंग, रिकॉर्ड रूम—की गहन तलाशी ली गई। करीब तीन घंटे की जांच के बाद भी कोई विस्फोटक या संदिग्ध वस्तु नहीं मिली।

मेल में अजमल कसाब और कथित अन्याय का जिक्र

पुलिस सूत्रों के अनुसार, ईमेल ‘abdia@outlook.com’ से भेजा गया था, जिसमें ‘मद्रास टाइगर्स फॉर अजमल कसाब’ नामक संगठन का उल्लेख था। इस ईमेल में मुंबई हमले के दोषी अजमल कसाब को दी गई फांसी, कथित मुस्लिम विरोधी कार्रवाइयों और हिरासत की घटनाओं को इस धमकी की वजह बताया गया। मेल में इसे ‘पवित्र मिशन’ बताया गया और न्यायपालिका को सबक सिखाने की बात कही गई।

FIR दर्ज, UAPA की धाराएं लागू, जांच में जुटी एजेंसियां

पुलिस ने IPC और गैरकानूनी गतिविधि निवारण अधिनियम (UAPA) की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। ईमेल की जांच साइबर सेल कर रही है और शुरुआती संकेत किसी विदेशी सर्वर से भेजे जाने की ओर इशारा कर रहे हैं। एटीएस और केंद्रीय एजेंसियों की भी मदद ली जा रही है।

SSP रजनेश सिंह ने बताया, “हमें कोई विस्फोटक नहीं मिला है, लेकिन हम इस धमकी को पूरी गंभीरता से ले रहे हैं। साइबर एक्सपर्ट्स के साथ मिलकर हम ईमेल की लोकेशन और स्रोत की जांच कर रहे हैं।”

हाईकोर्ट की सुरक्षा और सतर्कता बढ़ाई गई

घटना के बाद हाईकोर्ट परिसर की सुरक्षा को पहले से दोगुना कर दिया गया है। सभी आने-जाने वाले वाहनों की सघन तलाशी की जा रही है। जजों और अन्य अधिकारियों को विशेष सुरक्षा प्रदान की गई है।

विशेषज्ञों की चेतावनी: साइबर आतंकवाद का नया संकेत

राष्ट्रीय सुरक्षा विश्लेषक संदीप मिश्रा का मानना है कि यह घटना साइबर आतंकवाद के उभरते खतरे का संकेत देती है। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ डर फैलाने की कोशिश नहीं, बल्कि न्यायपालिका पर दबाव बनाने की साजिश है। सरकार और एजेंसियों को इस तरह के मामलों पर बेहद संवेदनशील रहना होगा।”

न्यायपालिका भी अब टारगेट पर

यह धमकी भले झूठी साबित हुई हो, लेकिन इसने देश की न्यायिक संस्थाओं पर मंडराते खतरे को उजागर कर दिया है। अब पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के सामने दोहरी चुनौती है—दोषियों को पकड़ना और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने की पुख्ता व्यवस्था करना।

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