छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: ED ने कवासी लखमा की संपत्ति और कांग्रेस कार्यालय को किया अटैच

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2161 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है। जांच एजेंसी ने इस मामले में पूर्व मंत्री कवासी लखमा, उनके बेटे हरीश लखमा और सुकमा स्थित कांग्रेस भवन की संपत्ति को प्रोविजनल तौर पर अटैच कर दिया है। देश में यह पहला मामला है जब किसी राजनीतिक दल के कार्यालय को ईडी ने अटैच किया है।
6 करोड़ की संपत्ति अटैच, कांग्रेस कार्यालय भी शामिल
ईडी ने रायपुर स्थित कवासी लखमा और उनके बेटे की करीब 6 करोड़ रुपये की संपत्ति को अटैच किया है। इसमें सुकमा की भूमि, भवन और बैंक खातों में जमा रकम शामिल है। खास बात यह है कि इस अटैचमेंट में सुकमा का कांग्रेस कार्यालय भी शामिल है, जो कथित रूप से हरीश लखमा के नाम दर्ज है। हालांकि, ईडी के वकील ने इसे प्रोविजनल अटैचमेंट बताया है।
क्या है शराब घोटाला?
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुए 2161 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में ईडी ने अब तक 21 लोगों को आरोपी बनाया है। इनमें पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, रायपुर के पूर्व महापौर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर, पूर्व आईएएस अनिल टूटेजा, और कई शराब कारोबारियों व कंपनियों के नाम शामिल हैं, जैसे कि छत्तीसगढ़ डिस्टलर, वेलकम डिस्टलर, टॉप सिक्योरिटी, ओम साईं ब्रेवरेज, और भाटिया वाइन मर्चेंट।
6000 पन्नों की चार्जशीट में बड़ा खुलासा
ईडी ने कोर्ट में 6000 पन्नों की चार्जशीट पेश की है, जिसमें बताया गया है कि अनवर ढेबर के नेतृत्व में एक आपराधिक सिंडिकेट बनाकर बड़े पैमाने पर घोटाला किया गया। आरोप है कि 2019 में CSMCL (छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम) में अनवर ने अपनी पहुंच से अरुणपति त्रिपाठी को एमडी बनवाया और फिर अधिकारियों, कारोबारियों और राजनीतिक रसूख वालों के गठजोड़ से यह भ्रष्टाचार किया गया।
जेल में हैं कवासी लखमा
ईडी ने 28 दिसंबर को कवासी लखमा और उनके बेटे हरीश लखमा के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इसके बाद 15 जनवरी को कवासी लखमा को गिरफ्तार किया गया और तब से वे रायपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं। उनके खिलाफ दाखिल चालान में उन्हें इस पूरे सिंडिकेट का प्रमुख बताया गया है।