छत्तीसगढ़

टेंडर निरस्त किए जाने पर विधानसभा में हंगामा, विपक्ष का वाकआउट

रायपुर। विधानसभा में सत्र के दूसरे दिन प्रश्रकाल में सत्तापक्ष के जवाब से असंतुष्ट होकर विपक्ष ने हंगामा किया और सदन से वाकआउट कर दिया।
विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि विधानसभा चुनाव के पूर्व जितने कार्य स्वीकृत हुए थे एक आदेश के बाद कितने काम रूके हुए है। उन्होंने पूछा कि ऐसे कितने विभाग के काम रूके हुए हैं। ये सभी काम कब तक पूरा होगा? मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने जवाब में बताया कि चुनाव के चलते आदेश दिया गया है,नई सरकार की अलग प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि 203 काम की स्वीकृति दी गई है। निरीक्षण किया जा रहा है, इसके बाद आदेश जारी किया जाएगा। जो काम रूके हुए हैं, उनका परीक्षण किया जाएगा।
पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने मामले में कहा कि प्राधिकरण क्षेत्रों के कामों को प्राथमिकता देना चाहिए। भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने आरोप लगाया कि क्या टेंडर निरस्त होने के चलते विकास के काम रोके गए हैं। जहां सरकार का पैसा भी नहीं लगा है। रूटीन के काम को भी रोका गया है। सत्तापक्ष के सदस्यों ने इसका जोरदार विरोध करते हुए कहा कि टेंडर में जमकर घोटाला किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्काई वॉक जैसी कई योजनाएं हैं, जिसकी समीक्षा की जाएगी। राज्य के बजट से टेंडर किया गया है केवल वही रोका गया है, प्रस्ताव के साथ स्वीकृति दी जाएगी। कांग्रेस विधायक अमर जीत भगत ने कहा कि कमीशन ये लोग ले चुके है अब उन्हें लौटाने की चिंता में यह सवाल उठाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर के विभाग और विधानसभा में बिना पैसा दिए कोई काम नहीं होता था। श्री भगत के इस बात पर विपक्ष सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। सदन में हंगामा होते देख विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने कहा कि प्रश्नकाल में जो हंगामा करेगा, उस पर कार्यवाही की जाएगी। इस पर बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि इस तरह से सत्ता पक्ष के द्वारा गलत आरोप लगाया जा रहा है। इसे सदन में मान्य नहीं किया जा सकता। इस बीच विपक्ष ने इंगामा करते हुए सदन से वाकआउट कर दिया।

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