Naxal Attack: नक्सलियों ने बाजार में आरक्षक पर कुल्हाड़ी से किया हमला, जून में 7 हत्याएं कर चुका है दहशतगर्द गिरोह
Naxal Attack: नक्सलियों ने एक बार फिर छत्तीसगढ़ में अपनी बर्बरता का चेहरा दिखाया है। बीजापुर जिले के पदेड़ा गांव में शनिवार को...

बीजापुर, छत्तीसगढ़। Naxal Attack: नक्सलियों ने एक बार फिर छत्तीसगढ़ में अपनी बर्बरता का चेहरा दिखाया है। बीजापुर जिले के पदेड़ा गांव में शनिवार को नक्सलियों ने खुले बाजार में एक आरक्षक पर जानलेवा हमला किया। हमले में आरक्षक संतु पोटाम गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। हमलावरों ने उसके सिर पर कुल्हाड़ी से वार किया। फिलहाल आरक्षक को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया है, जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है।बाजार में घात लगाकर बैठे थे नक्सली
घटना पदेड़ा गांव की है, जहां आरक्षक संतु पोटाम किसी काम से बाजार पहुंचे थे। इसी दौरान नक्सलियों की स्मॉल एक्शन टीम भी बाजार में मौजूद थी। मौका मिलते ही हमलावरों ने संतु पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। अचानक हुए इस हमले से बाजार में भगदड़ मच गई। अफरा-तफरी के बीच नक्सली जंगल की ओर भाग निकले। मौके पर मौजूद लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी।
बीजापुर पुलिस ने घटना की पुष्टि की है और हमलावरों की तलाश में इलाके की घेराबंदी कर दी गई है।
जून में 7 लोगों की हत्या, 1 घायल
इस महीने नक्सलियों की हिंसा में अब तक 7 लोगों की जान जा चुकी है और एक गंभीर रूप से घायल हुआ है। जून के महीने में हुई प्रमुख घटनाएं इस प्रकार हैं:
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8 जून: पूवर्ती गांव में एक ग्रामीण की हत्या
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9 जून: सुकमा के कोंटा इलाके में IED ब्लास्ट, ASP शहीद
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17 जून: बीजापुर के पेद्दाकोरमा गांव में तीन ग्रामीणों की हत्या, जिनमें एक नाबालिग भी शामिल
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22 जून: बीजापुर के सेंड्राबोर गांव में दो ग्रामीणों की हत्या
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23 जून: पदेड़ा गांव में आरक्षक संतु पोटाम पर हमला
क्या होती है नक्सलियों की स्मॉल एक्शन टीम?
नक्सली संगठन के पास स्मॉल एक्शन टीम नाम की एक खुफिया और बेहद हिंसक इकाई होती है, जो खास तौर पर गांवों में काम करती है। ये टीम स्थानीय स्तर पर रैकी करती है, टारगेट को चिन्हित करती है और अचानक हमला कर फरार हो जाती है। हत्या, IED प्लांट करना, ब्लास्ट, पुलिस मूवमेंट पर नजर रखना और बड़े नक्सली लीडरों के लिए रसद जुटाना इस टीम की जिम्मेदारी होती है।
सुरक्षा व्यवस्था पर फिर सवाल
लगातार हो रही नक्सली घटनाओं ने बीजापुर समेत बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों में डर का माहौल है और वे अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। पुलिस और प्रशासन द्वारा लगातार दावा किया जाता है कि नक्सल प्रभावित इलाकों में स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन बढ़ती वारदातें इन दावों की पोल खोल रही हैं।
अब देखना यह है कि सुरक्षा बल इन घटनाओं का किस तरह से जवाब देते हैं और हमलावरों को जल्द गिरफ्तार कर न्याय के कटघरे में लाया जाता है या नहीं।